सिद्धरमैया का आरोप : भाजपा-जेडीएस में गुप्त समझौता, लेकिन कर्नाटक का चुनाव हम ही जीतेंगे
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि वे और डीके शिवकुमार एक टीम के तौर पर काम कर रहे हैं और आगामी 10 मई को होने वाले चुनाव में कांग्रेस ही जीत दर्ज करेगी. सिद्धरमैया ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा-जेडीएस के बीच एक गुप्त समझौता हुआ है.
बेंगलुरु : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने खुद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच मतभेदों की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि अगली सरकार कांग्रेस ही बनाएगी. इसके साथ ही, उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के बीच गुप्त समझौता हुआ है, लेकिन चुनाव हम ही जीतेंगे.
130 सीटों पर परचम लहराएगी कांग्रेस
अंग्रेजी के अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि वे और डीके शिवकुमार एक टीम के तौर पर काम कर रहे हैं और आगामी 10 मई को होने वाले चुनाव में कांग्रेस ही जीत दर्ज करेगी. उन्होंने यह अनुमान भी जाहिर किया है कि इस चुनाव में कांग्रेस 130 से अधिक सीटों पर अपना परचम लहराएगी. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा 60 से 65 और जेडीएस 20 से 25 सीटों पर सिमटकर रह जाएगी.
देवगौड़ा के दावों का किया खंडन
सिद्धरमैया ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के नेता एचडी देवगौड़ा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (भाजपा-जेडीएस) के बीच एक गुप्त समझौता हुआ है. उन्होंने कहा कि इस समय वे दोनों एक-दूसरे की प्रशंसा करते अघा नहीं रहे हैं. कुरुबा नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर) के नेता एचडी देवगौड़ा के दावे का खंडन किया कि वह देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 2018 की जेडीएस-कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए जिम्मेदार थे.
होटल से सरकार चला रहे थे कुमारस्वामी
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार गिरने के पीछे जिम्मेदार कौन था? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उस समय कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी थे और वे 14 महीने तक ताज वेस्टएंड होटल में रहे. कोई होटल से सरकार कैसे चला सकता है. विधायक उनसे तंग आ गए थे. हमारी पार्टी 14 विधायकों के अलावा जेडीएस के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद गठबंधन वाली सरकार अल्पमत में आ गई. अब इसके लिए जिम्मेदार कौन हो सकता है, यह जगजाहिर है.
80 के बाद नहीं लड़ूंगा चुनाव
सक्रिय राजनीति में बने रहने को लेकर उन्होंने कहा कि 80 साल की उम्र के बाद वे चुनावी राजनीति से संन्यास ले लेंगे. उन्होंने कहा कि अभी मेरी उम्र 76 साल की है. पांच साल के बाद 81 साल का हो जाऊंगा. उसके बाद मैं सक्रिय राजनीति में रहूंगा, लेकिन चुनाव नहीं लड़ूंगा.