दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद प्रतिबंधित जेकेएलएफ के सरगना यासीन मलिक कल सुबह से भूख हड़ताल पर है. मलिक ने आरोप लगाते हुए जेल प्रशासन को कहा है कि उसके मामले की ठीक से जांच नहीं हो रही है इसलिए वह भूख हड़ताल पर बैठा है. दरअसल 13 जुलाई को मलिक ने सीबीआई अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रूप से पेश होकर गवाहों से खुद जिरह करने का आनुरध किया था और कहा था कि अगर नुरोध स्वीकार नहीं किया तो वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेगा.
Yasin Malik, lodged in Delhi's Tihar Jail, went on a hunger strike yesterday morning. Malik has alleged that his case is not being investigated properly: Prison officials
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— ANI (@ANI) July 23, 2022
रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रूप से पेश होकर गवाहों से खुद जिरह करना चाहता है. मलिक ने अदालत को सूचित किया था कि यदि उसके अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाता है तो वह भूख हड़ताल पर बैठेगा. इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि मलिक ने अदालत से कहा था कि वह 22 जुलाई तक सरकार के जवाब का इंतजार कर रहा है और अनुमति न मिलने पर वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेगा. मई में दिल्ली स्थित विशेष एनआईए अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद से जेकेएलएफ सरगना उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में बंद है.
मलिक को 2017 के आतंकी वित्तपोषण मामले के सिलसिले में 2019 की शुरुआत में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किया गया था. वर्तमान मामला आठ दिसंबर, 1989 को जेकेएलएफ द्वारा रुबिया सईद का अपहरण किए जाने से संबंधित है. भारतीय जनता पार्टी समर्थित तत्कालीन वी. पी. सिंह सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जकेएलएफ) के पांच आतंकवादियों को रिहा किए जाने के बाद 13 दिसंबर को अपहर्ताओं ने रुबिया को मुक्त कर दिया था. यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था और मलिक को 2019 में एनआईए द्वारा पकड़े जाने के बाद यह मामला पुनर्जीवित हो गया था.
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पिछले साल जनवरी में सीबीआई ने विशेष सरकारी वकीलों मोनिका कोहली और एस. के. भट्ट की मदद से मलिक सहित 10 लोगों के खिलाफ रुबिया अपहरण मामले में आरोप तय किए थे. रुबिया अपहरण मामला कश्मीर घाटी के अस्थिर इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है. जेकेएलएफ के पांच सदस्यों की रिहाई के बाद आतंकी समूहों ने सिर उठाना शुरू कर दिया था. विभिन्न जेलों में बंद अपने सहयोगियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए जेकेएलएफ के आतंकवादियों ने श्रीनगर से रुबिया का अपहरण कर लिया था.