चुनाव में धनबल के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है चुनाव आयोग
याचिका की बात करें तो इसमें राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा अत्यधिक चुनावी खर्च को रोकने और उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों तथा पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की व्यापक योजना बनाने की मांग की गयी थी. जानें चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा
इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित 10 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. साल 2023 में होने वाले चुनाव के पहले निर्वाचन आयोग यानी चुनाव आयोग का एक ऐसा बयान आया जिसकी चर्चा जोरों पर हो रही है. दरअसल आयोग ने चुनाव में धन बल के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने चुनावी खर्च की निगरानी के लिए एक मजबूत तंत्र बनाया है.
चुनाव आयोग ने कहा कि आज अधिक धन जब्त किये जाने का एक कारण उसकी बढ़ी हुई सतर्कता और प्रयास है. आयोग की ओर से कहा गया कि नियमित रूप से केंद्रीय और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सेवाएं ली गयी हैं, और उनकी टीम को चुनावी खर्च की निगरानी के लिए चुनाव वाले राज्यों में तैनात किया गया है. प्रभाकर देशपांडे द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में दाखिल एक हलफनामे में आयोग ने उक्त बातें कही.
हलफनामे में क्या कहा गया
याचिका की बात करें तो इसमें राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा अत्यधिक चुनावी खर्च को रोकने और उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों तथा पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की व्यापक योजना बनाने की मांग की गयी थी. हलफनामे में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग चुनाव में धन बल के बढ़ते उपयोग के बारे में गंभीर रूप से चिंतित है. इस खतरे को रोकने के लिए आयोग ने 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों के बाद से चुनावी व्यय निगरानी तंत्र को प्रभावी ढंग से और क्रमिक रूप से लागू किया है.
इस साल दस राज्यों में चुनाव
इस साल यानी 2023 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव की बिसात बिछने वाली है. जम्मू कश्मीर में लगातार की जा रही तैयारियों के बीच यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि विधानसभा चुनाव यहां भी करवाये जा सकते हैं. इस तरह से देखा जाए तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 2023 में दस राज्यों में चुनावी दंगल होंगे जो यह बताएगा कि देश में राजनीतिक हवा किस दल के पक्ष में बह रही है.