कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति पर सीरम इंस्टीट्यूट ने फिर खड़े किए हाथ, कहा – 2-3 महीनों में सबको टीका लगाना मुश्किल
अपने बयान में सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि हम दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक हैं, तो इतनी बड़ी आबादी के लिए टीकाकरण अभियान 2-3 महीनों में पूरा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कई चुनौतियां होती हैं. पूरी दुनिया की आबादी को पूरी तरह से टीका लगने में 2-3 साल लगेंगे.
नई दिल्ली : देश में कोरोना से जंग के खिलाफ जोर-शोर से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, तो इंजेक्शन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने एक बार फिर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. मंगलवार को उसने एक बयान जारी कर रहा है कि इतनी बड़ी आबादी वाले देश में दो-तीन महीनों में सबको टीका लगाना मुश्किल हैं.
अपने बयान में सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि हम दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक हैं, तो इतनी बड़ी आबादी के लिए टीकाकरण अभियान 2-3 महीनों में पूरा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कई चुनौतियां होती हैं. पूरी दुनिया की आबादी को पूरी तरह से टीका लगने में 2-3 साल लगेंगे.
We're amongst 2 most populous countries in the world, a vaccination drive for such large population can't be completed within 2-3 months, as several factors & challenges are involved. It'd take 2-3 yrs for entire world population to get fully vaccinated: Serum Institute of India pic.twitter.com/Hg9AM6SYPn
— ANI (@ANI) May 18, 2021
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिलाई कोवैक्स से किए वादे की याद
दुनिया की सबसे बड़ी इंजेक्शन निर्माता कंपनी की ओर से यह बयान तब जारी किया गया है, जब मंगलवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सीरम इंस्टीट्यूट को उसके द्वारा किए गए वादे को याद दिलाया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने कहा है कि भारत में विनाशकारी कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए कोवैक्स प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा. कोवैक्स दुनिया भर में कोरोना वायरस वैक्सीन की आपूर्ति के लिए एक वैश्विक पहल है.
वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है कोवैक्स
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दुनिया भर में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के चलते वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति प्रभावित हुई है और कौवैक्स के पास पहले ही जून के अंत तक 19 करोड़ खुराक की कमी है. कोवैक्स यानी वैश्विक कोविड वैक्सीन समता योजना के तहत अब तक 124 देशों को 6.5 करोड़ वैक्सीन दी गईं, लेकिन यह उन देशों और वैक्सीन निर्माताओं पर निर्भर करता है, जिन्हें अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करनी हैं.
पूनावाला ने इसी महीने वैक्सीन की आपूर्ति से खींचा था हाथ
गौरतलब है कि इसके पहले भारत में कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला चालू मई महीने की शुरुआत में ही हाथ खड़े कर चुके हैं, जब देश में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए 1 मई 2021 से टीकाकरण के तीसरे अभियान की शुरुआत का ऐलान किया गया था. टीकों की कमी की वजह से महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में 18 से 44 साल के लोगों को टीका नहीं लगाया जा रहा है.
लंदन पहुंचकर भारत के प्रभावशालियों पर लगाया आरोप
अदार पूनावाला इस समय अपने परिवार के साथ लंदन में हैं. वे उसी समय लंदन चले गए थे, जब देश में 18 से 44 साल के लोगों को टीका लगाने के लिए तीसरे चरण के अभियान की शुरुआत की गई थी. लंदन जाने के पहले सरकार की ओर से उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है. लंदन पहुंचने के बाद एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत के प्रभावशाली लोगों में से कुछ उन्हें धमकी दे रहे हैं.
सरकार पर लगाया था ऑर्डर नहीं देने का आरोप
इसके साथ ही, उन्होंने भारत सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि देश में जब कोरोना की पहली लहर के दौरान जनवरी के आसपास संक्रमण की दर में गिरावट आने लगी, तो सरकार ने वैक्सीन उत्पादन के लिए ऑर्डर जारी नहीं किया. इसलिए कंपनी ने वैक्सीन का उत्पादन बंद कर दिया.
वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को 1700 करोड़ से अधिक का किया है अग्रिम भुगतान
पूनावाला के इस आरोप के बाद सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाने के लिए भारत की दो दवा निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को अग्रिम राशि जारी की गई है, जिसमें अकेले सीरम इंस्टीट्यूट को 1700 करोड़ रुपये से अधिक राशि दी गई है.
Posted by : Vishwat Sen