सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया सितंबर महीने से स्पूतनिक वी वैक्सीन का उत्पादन शुरू करेगा. यह घोषणा रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड जो वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की मार्केटिंग करता है ने की है. सीरम इंस्टीट्यूट में 300 मिलियन वैक्सीन डोज का वार्षिक आधार पर उत्पादन होगा.
भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने चार जुलाई को सीरम इंस्टीट्यूट को छोटे पैमाने पर वैक्सीन के उत्पादन और उसकी परीक्षा और परीक्षण का लाइसेंस दिया है. स्पूतनिक वैक्सीन के पहले बैच का सितंबर में सीरम इंस्टीट्यूट में उत्पादन होने की उम्मीद है. प्रतिवर्ष यहां 300 मिलियन से अधिक खुराक का उत्पादन किया जायेगा.
वैक्सीन उत्पादन के तकनीक का हस्तांतरण सीरम इंस्टीट्यूट को रुस के गामालेया केंद्र से पहले ही हो चुका है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा आयात को मंजूरी दिये जाने के बाद वैक्सीन उत्पादन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड ने इस बारे में जानकारी दी है.
सीरम इंस्टीट्यूट वर्तमान में कोविशील्ड और कोवोवैक्स का निर्माण कर रहा है. नोवावैक्स का भारत में कोवावैक्स नाम दिया गया है. अब स्पूतनिक वी का निर्माण भी सीरम इंस्टीट्यूट में होगा.
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ आदर पूनावाला ने कहा है कि मैं रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट के साथ काम करके बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं. आने वाले महीने में हम ट्रॉयल बेसिस पर वैक्सीन डोज का निर्माण करेंगे, जिसकी शुरुआत सितंबर महीने से हो जायेगी. उन्होंने कहा कि स्पूतनिक वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ काफी सुरक्षित है और यह हर वैरिएंट पर प्रभावी है.
Posted By : Rajneesh Anand