कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने यह घोषणा की है कि वे अगले छह महीनों में बच्चों के लिए कोविड-19 का टीका लेकर आयेंगे.
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि हमारे देश में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अबतक सुरक्षित नहीं किया जा सका है, क्योंकि उनका टीकाकरण अबतक संभव नहीं हो पाया है. यही वजह है कि सरकार भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला ने यह जानकारी दी है कि वे अगले छह महीने में बच्चों के लिए वैक्सीन लेकर आयेंगे. आदर पूनावाला ने एक कार्यक्रम में बताया कि कोवोवैक्स टीके का परीक्षण चल रहा है और यह तीन साल और उससे अधिक की आयु के बच्चों को हर तरह से सुरक्षा प्रदान करेगा.
परीक्षण के दौरान वैक्सीन के आंकड़े बहुत बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त आंकड़े हैं कि टीका काम करेगा और बच्चों को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचायेगा.
गौरतलब है कि अभी हमारे देश में 18 साल से अधिक की आबादी के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन उससे कम के लोगों के लिए अभी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. जब से तीसरी लहर की चर्चा छिड़ी है बच्चों पर इसके गंभीर परिणाम की आशंका जतायी जा रही है. अभी देश में जायडस कैडिला और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है, लेकिन अभी तक बच्चों के किसी भी वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी है.
वर्तमान में कोविशील्ड और कोविड के अन्य टीकों को 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए मंजूरी प्राप्त है। आदर पूनावाला ने कहा कि अबतक बच्चों में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद गंभीर लक्षण दिखाई नहीं पड़े हैं, जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि हम यह उम्मीद है कि हमारा छह माह के भीतर आने वाला टीका तीन साल या उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए होगा और बहुत जल्द यह इस्तेमाल के लिए मौजूद होगा.