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प्रचंड चक्रवात ‘असानी’ पूर्वी तट के पास पहुंचा, धीरे-धीरे पड़ रहा कमजोर, ओड़िशा में नाव पलटी

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात पहले ही तीव्रता के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है और अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘शाम को आंध्रप्रदेश तट के पास पहुंचने के बाद, तूफान अपना रास्ता बदल देगा और ओड़िशा तट के साथ-साथ आगे बढ़ेगा.’

भुवनेश्वर: बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) के ऊपर बना चक्रवाती तूफान ‘असानी’ (Cyclone Asani) पूर्वी तट के पास पहुंच गया है. इसके धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है. हालांकि, चक्रवात के कारण 105 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात की गति सुबह पांच बजे किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो बाद में 25 किलोमीटर प्रति घंटा हो गयी.

यह दोपहर बाद करीब 4:30 बजे आंध्रप्रदेश के कांकीनाड़ा से करीब 210 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में और ओड़िशा के गोपालपुर से 510 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था. मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि मंगलवार शाम तक इसके फिर जोर पकड़ने और उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में तट के समानांतर चलने की उम्मीद है.

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात पहले ही तीव्रता के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है और अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘शाम को आंध्रप्रदेश तट के पास पहुंचने के बाद, तूफान अपना रास्ता बदल देगा और ओड़िशा तट के साथ-साथ आगे बढ़ेगा.’ महापात्र ने कहा कि प्रचंड चक्रवाती तूफान बुधवार को कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल जायेगा और बृहस्पतिवार को गहरे दबाव में बदल जायेगा.

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भुवनेश्वर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एचआर विश्वास ने कहा कि भीषण चक्रवाती तूफान कमजोर पड़ने लगा है. उन्होंने कहा कि तेज हवाओं की गति मंगलवार रात तक घटकर 80 से 90 किलोमीटर और बुधवार शाम तक 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे हो जायेगी.

मौसम विज्ञान विभाग ने मछुआरों को बृहस्पतिवार तक गहरे समुद्र में न जाने को लेकर आगाह किया है, क्योंकि ओड़िशा के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है. ओड़िशा के खुर्दा, गंजाम और पुरी में मंगलवार को सुबह भी बारिश हुई थी.

विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को आगाह कर दिया गया है कि भारी बारिश और उसके कारण जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. चार तटीय जिलों के 15 ब्लॉक से लोगों को निकालने के लिए भी कहा गया है.

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गंजाम जिला प्रशासन ने गोपालपुर सहित सभी समुद्र तटों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया है ताकि लोग, मछुआरे तथा सैलानी वहां न जा सकें. समुद्र में मंगलवार को काफी हलचल रही. समुद्र में अभी दो दिन तक हलचल रहने की संभावना है. 12 मई को स्थिति बेहतर होने से पहले बेहद खराब भी हो सकती है.

चक्रवात के कारण ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में सोमवार को भारी से मध्यम बारिश हुई थी. इस बीच, पूर्वी तटीय रेलवे (ईसीओआर) ने चक्रवात के कारण भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर अपने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है.

इसने भुवनेश्वर में अपने मुख्यालय और विशाखापत्तनम, खुर्दा रोड तथा संबलपुर में डिविजनल मुख्यालयों में 24 घंटे आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ खोले हैं. रेलवे ने चक्रवात के मद्देनजर विभिन्न एहतियाती कदम उठाये हैं और राज्य सरकार तथा आईएमडी के साथ समन्वय बनाये हुए है.

चेतावनी की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई

राज्य सरकार ने घोषणा की कि आईएमडी की चेतावनी की अनदेखी कर गहरे समुद्र में जाने वाले मछुआरों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी. इससे पहले गंजाम जिले के छतरपुर के पास समुद्र में मछली पकड़ने वाली पांच नौकाओं के पलट जाने के बाद यह निर्णय लिया गया.

इन हादसों में सभी 65 मछुआरे तैरकर किनारे आ गये. एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब पांच मछुआरों को ले जा रही एक नाव पलट गयी और उसने चार अन्य नौकाओं को टक्कर मार दी, जिनमें कुल 60 लोग सवार थे. इस हादसे में सभी नौकाएं डूब गयीं.

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