नयी दिल्ली : देश में कोरोना संकट लगातार गहराता जा रहा है. इस बीच दिल्ली सरकार ने बताया कि दिल्ली में कोरोना कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 100 हो गई है, पिछले 24 घंटों में हाउस नम्बर 152 से 162, D-ब्लॉक शाहीन बाग एक नया हॉटस्पॉट बना है.
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दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के पहले 1,000 मामले 42 दिनों में आये, लेकिन आठ दिनों में संक्रमित लोगों की संख्या 2,000 से 3,000 हो गयी. सरकार द्वारा साझा किये आंकड़ों से यह तथ्य सामने आया है. राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण का पहला मामला एक मार्च को सामने आया था.
इसके बाद 11 अप्रैल को संक्रमित लोगों की संख्या 1000 को पार कर 1069 हो गयी. दिल्ली में 11 अप्रैल तक 19 लोगों की मौत हुई थी. दिल्ली में एक ही दिन में संक्रमण के सबसे ज्यादा 356 मामले 13 अप्रैल को सामने आए थे. राष्ट्रीय राजधानी में 19 अप्रैल को संक्रमण के मामलों की संख्या 2000 को पार कर गयी.
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राष्ट्रीय राजधानी में 27 अप्रैल को संक्रमित लोगों की संख्या 3108 हो गयी. सोमवार को मृतकों की संख्या 54 हो गयी. दिल्ली में 26-27 अप्रैल को संक्रमण से मौत का मामला सामने नहीं आया. दिल्ली में 27 अप्रैल तक 877 लोग ठीक हो चुके हैं और फिलहाल संक्रमण के 2177 मामले हैं.
दिल्ली के उप राज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने मंगलवार को सभी जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सूक्ष्म निषिद्ध क्षेत्र (माइक्रो कंटेनमेंट जोन) घोषित करने की रणनीति पर काम करें. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
इस योजना के अनुसार बड़े क्षेत्रों की अपेक्षा संक्रमण की चपेट में आए छोटे क्षेत्रों को चिह्नित कर सूक्ष्म निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जाएगा. दिल्ली के जहांगीपुरी समेत कुछ निषिद्ध क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमण के कई मामले सामने आने और प्रतिबंध के बावजूद लोगों को घरों के बाहर घूमते पाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया.
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वर्तमान में किसी क्षेत्र में संक्रमण का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों द्वारा वहां आने जाने का रास्ता बंद कर दिया जा रहा है और लोगों को उनके घरों से निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है. आवश्यक वस्तुएं सबके घर तक पहुंचाई जा रही हैं. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, कुछ निषिद्ध क्षेत्रों में लोग सड़कों पर लोग घूम रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं.
सभी जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया गया है कि वे ‘सूक्ष्म निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित करने की रणनीति पर अमल करें जिसके तहत छोटे क्षेत्रों को चिह्नित कर निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जाएगा ताकि लोगों को आने-जाने से पूरी तरह रोका जा सके. इस महीने की शुरुआत में निषिद्ध क्षेत्र घोषित होने के बावजूद उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी के एक परिवार के 31 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी महामारी से बचाव के लिए निषिद्ध क्षेत्रों में रह रहे लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की थी.
मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्ष वर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की जिसमें बैजल, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और सभी जिला मजिस्ट्रेट ने भाग लिया. बैठक में उन अस्पतालों में मानक प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने के बारे में चर्चा की गई जिन्हें कोविड-19 के मरीजों के लिए निर्दिष्ट नहीं किया गया है. गौरतलब है कि ऐसे अस्पतालों में भी संक्रमण के मामले सामने आए थे.