शाहीन बाग धरना स्थल के पास फेंका गया पेट्रोल बम, अलीगढ़ में ‘बेपरवाह’ प्रदर्शन
देश में आज जनता कर्फ्यू दिल्ली के शाहीन बाग इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. आज प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि धरना स्थल के पास पेट्रोल बम फेंका गया है
देश में आज जनता कर्फ्यू दिल्ली के शाहीन बाग इलाके से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. आज प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि धरना स्थल के पास पेट्रोल बम फेंका गया है. समाचार एजेंसी एएनआई की तरफ से जारी तस्वीरों में दिख रहा है कि धरना स्थल के पास सड़क पर आग लगी हुई है. आग को कुछ लोग बुझाते दिख रहे हैं. बता दे कि यहां नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ तीन महीने से भी ज्यादा समय से धरना-प्रदर्शन चल रहा है. आज सुबह प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि यहां पेट्रोल बम से हमला किया गया. बैरिकेड के पास प्लास्टिक के एक बोतल में कुछ विस्फोटक सामान भी बरामद किया गया है. विशेष पुलिस आयुक्त ने कहा है कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई है. शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर जनता कर्फ्यू के दिन रविवार को केवल 4-5 महिलाएं ही बैठी हुई हैं.
Delhi: Protesters at Shaheen Bagh allege that a petrol bomb was hurled nearby the anti-Citizenship Amendment Act protest site today pic.twitter.com/tHVzQfmKii
— ANI (@ANI) March 22, 2020
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में मौजूद कुछ लोगों ने दावा किया है गेट नंबर सात पर स्थित धरनास्थल पर कुछ लोगों ने गोलीबारी कर के पेट्रोल बम फेंका है.धरना स्थल पर कांच के कुछ टुकड़े भी मिले हैं. टना के वक़्त शाहीन बाग में करीब 20 प्रदर्शनकारी बैठे हुए थे. शाहीन बाग से सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. कोरोना वायरस का प्रसार रोकने की मांग करते हुए दायर याचिकाओं के अलावा शीर्ष कोर्ट में अन्य याचिकाएं लंबित हैं.
जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ 23 मार्च को प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी. बता दें कि पिछले दिनों कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कहीं भी किसी भी हालत में 50 लोगों से ज्यादा लोगों को एक साथ जमा होने की इजाजत नहीं दी जाएगी, चाहे वो प्रदर्शन हो या कुछ और.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में चल रहे सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शन के शनिवार को 100 दिन पूरे हो गए. Fस दौरान सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी विश्वविद्यालय के गेट पर पहुंचे. हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने एक जगह पर पांच लोगों से अधिक की संख्या में एकत्रित होने की चेतावनी जारी की है इसके बावजूद लोगों की जान को जोखिम में डाल कर प्रदर्शन जारी है.
अलीगढ़ में बेपरवाह प्रदर्शनसीएए और एनआरसी के विरोध में अलीगढ़ स्थित शाहजमाल ईदगाह के सामने जारी धरना प्रदर्शन रविवार को और ज्यादा लोग जुटे. जबकि प्रसाशन ने लाखों अपील की थीं कि जनता कर्फ्यू के दिन लोग धरनास्थल पर ना पहुंचे. यहां सीएए और एनआरसी के विरोध में बेपरवाह प्रदर्शन बेअसर दिखाई दिया. आलम ये है कि पिछले 2 सप्ताह से यहां 40 से 50 महिलाओं की ही भीड़ दिन में दिखाई दे रही थी, लेकिन रविवार को यह संख्या अचानक से 500 से 600 के करीब पहुंच गई. थाना पुलिस ने यहां धरने को आने वाली महिलाओं को समझाने की कोशिशें करते हुए लौटाना चाहा तो महिलाओं ने उग्र तरीके से नारेबाजी की.