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नाक की लड़ाई में टूट गये सारे रिकॉर्ड, गांव की शराब दुकान के लिए लगी अरबों रुपये की बोली

शराब की एक दुकान का ठेका पाने के लिए 510 करोड़ रुपये की बोली लगी है. और ऐसा दिल्ली-मुंबई में नहीं, बल्कि राजस्थान के एक गांव में हुआ है. राज्य में इन दिनों शराब दुकानों की नीलामी चल रही है. हनुमानगढ़ जिले के खुईयां गांव में जब बोली 510 करोड़ 10 लाख रुपये पर रुकी, तो आबकारी विभाग के अधिकारी भी हैरत में पड़ गये.

  • शराब दुकान का ठेका

  • 510 करोड़ की लगी बोली

  • राजस्थान के एक गांव का मामला

शराब की एक दुकान का ठेका पाने के लिए 510 करोड़ रुपये की बोली लगी है. और ऐसा दिल्ली-मुंबई में नहीं, बल्कि राजस्थान के एक गांव में हुआ है. राज्य में इन दिनों शराब दुकानों की नीलामी चल रही है. हनुमानगढ़ जिले के खुईयां गांव में जब बोली 510 करोड़ 10 लाख रुपये पर रुकी, तो आबकारी विभाग के अधिकारी भी हैरत में पड़ गये. राजस्थान में आज तक किसी शराब ठेके के लिए इतनी बड़ी बोली नहीं लगी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस दुकान को हासिल करना एक ही खानदान की दो महिलाओं के बीच नाक की लड़ाई बन गयी थी, इसलिए बोली बढ़ती गयी.

खुईयां गांव की शराब दुकान के लिए आबकारी विभाग ने बोली के लिए प्रारंभिक दर 72.70 लाख रुपये रखी थी. शनिवार सुबह 11 बजे ऑनलाइन बोली लगनी शुरू हुई और आधी रात के बाद जब बोली खत्म हुई, तो सबसे बड़ी बोली 510 करोड़ रुपये की थी. बता दें कि पिछले वर्ष 65 लाख में यह दुकान नीलाम हुई थी. आबकारी अधिकारी चिमनलाल मीणा ने कहा कि उन्होंने इससे पहले इतनी बड़ी बोली नहीं देखी थी.

दुकान के लिए शुरुआती दर केवल 72 लाख रुपये थी: करोड़ों में बिकती है एक दुकान: राजस्थान में जो शराब दुकानें पहले पांच से दस लाख में बिका करती थीं, वो इस बार पांच से दस करोड़ में नीलाम हुई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शराब माफिया को खत्म करने के लिए बोली सिस्टम हटा कर लॉटरी सिस्टम लायी थीं. इसमें कुछ लाख रुपये के अंदर दुकान मिल जाया करती थी. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 15 साल पुरानी व्यवस्था को खत्म कर फिर से दुकानों की नीलामी करवा रहे हैं. शराब की दुकानों की नीलामी से सरकार को अब तक हजारों करोड़ रुपये बतौर राजस्व मिल चुके हैं.

तीन दिन में जमा नहीं हुए पैसे, तो ब्लैकलिस्ट: आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 510 करोड़ की बोली लगानेवाली किरण कंवर को डिमांड नोट भेजा गया है. तीन दिन के अंदर बोली की दो फीसदी रकम जमा कराने के लिए कहा गया है. बोली के हिसाब से अधिकारियों ने किरण कंवर के पक्ष में अलॉटमेंट लेटर जारी कर दिया है. लेकिन वह तय वक्त में रकम नहीं जमा करा पाती हैं, तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जायेगा. ऐसा हुआ, तो वह और उनकी फर्म भविष्य में आबकारी विभाग की किसी बोली में हिस्सा नहीं ले पायेंगे.

Posted by: Pritish Sahay

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