Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे की जंग खत्म! पुणे में शरद पवार और अजित पवार की गुपचुप मुलाकात

अजित पवार ने एनसीपी से बगावत कर दो जुलाई को एकनाथ शिंदे और फडणवीस सरकार में शामिल हो गये. अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन गये और उनके सहयोगी नेता छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे ने मंत्री पद की शपथ ली.

By ArbindKumar Mishra | August 12, 2023 10:25 PM
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी के बागी गुट का नेतृत्व कर रहे उपमुख्यमंत्री अजित पवार के शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. राकांपा नेता अमोल मिटकरी ने कहा, यह दोनों नेताओं के बीच पारिवारिक मुलाकात हो सकती है.

बिजनेसमैन के घर चाचा-भतीजे की सीक्रेट मुलाकात

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शरद पवार दोपहर करीब एक बजे कोरेगांव पार्क क्षेत्र में कारोबारी के आवास पर पहुंचते दिखे. शाम करीब पांच बजे शरद पवार चले गये. लगभग दो घंटे के बाद शरद पवार के भतीजे अजित पवार को शाम पौने सात बजे कैमरे से बचने की कोशिश करते हुए एक कार में परिसर से बाहर निकलते देखा गया.

अजित-शरद की बैठक में जयंत पाटिल भी थे शामिल

माना जा रहा है कि राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष (पवार गुट) जयंत पाटिल भी बैठक में शामिल हुए. शरद पवार और अजित पवार अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए शनिवार को पुणे में थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अतुल भातखलकर ने कहा, उनसे (शरद-अजित और जयंत पाटिल से) पूछना बेहतर होगा कि बैठक के दौरान क्या बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि शरद पवार और अजित पवार परिवार के सदस्य हैं.

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अजित पवार ने बगावत कर एनसीपी पर किया कब्जा

मालूम हो अजित पवार ने अपने समर्थक नेताओं के साथ एनसीपी से बगावत कर दो जुलाई को एकनाथ शिंदे और फडणवीस सरकार में शामिल हो गये. अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन गये और उनके सहयोगी नेता छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे ने मंत्री पद की शपथ ली. बगावत करने के साथ ही अजित पवार ने एनसीपी पार्टी पर भी कब्जा कर लिया. उन्होंने दावा किया कि उनके समर्थन में एनसीपी के 40 से अधिक नेताओं-विधायकों का समर्थन है. यही नहीं, अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुन लिया गया. हालांकि शरद पवार ने अपने भजीते की बगावत के बाद उन्हें और उनके समर्थक विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया और खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया.

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अजित पवार ने चाचा शरद पवार की उम्र को लेकर कसा था तंज

एनसीपी पर कब्जा करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 53 में से 32 विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पिछले दिनों महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने 83 वर्षीय चाचा शरद पवार को याद दिलाया था कि यह उनके ‘सेवानिवृत्त’ होने का समय है. अजित पवार ने उस समय कहा था कि भाजपा में, नेता 75 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो जाते हैं, आप कब होने जा रहे हैं. अजित (63) ने कहा, हर किसी की अपनी पारी होती है. सबसे सार्थक समय 25 से 75 वर्ष की आयु तक होता है. उन्होंने शरद पवार पर 2004 में राकांपा का मुख्यमंत्री बनाने का मौका गंवाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 2004 में हमारे पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे, लेकिन हमारे वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद लेने दिया. अजित पवार ने उस समय कहा था, आप 83 वर्ष के हैं, क्या आप रूकने नहीं जा रहे हैं?अपना आशीर्वाद दीजिए और हम आपकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना करेंगे.

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शरद पवार गुट ने अजित पवार, आठ अन्य विधायकों के खिलाफ दायर की है अयोग्यता याचिका

अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार ने पिछले दिनों महाराष्ट्र के विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक याचिका दायर कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले पार्टी के अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी.

पार्टी में कोई भूमिका नहीं दिये जाने से नाराज थे अजित पवार

जून में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की बैठक में शरद पवार ने अपनी बेटी व लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करके उन्हें महाराष्ट्र की जिम्मेदारी सौंपी थी. दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष प्रफ्फुल पटेल को अन्य राज्यों की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन भतीजे अजित पवार को लेकर कोई घोषणा नहीं की गयी थी. जिसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि अजित नाराज चल रहे थे. हालांकि अजित पवार पहली बार अपनी पार्टी से बगावत नहीं किये, बल्कि इससे पहले भी उन्होंने बगावत किया था और देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की थी.

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