राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के प्रमुख शरद पवार ने वीर सावरकर को प्रगतिशील विचारों वाला बताया है. यह बयान उन्होंने ऐसे समय में दिया है, जब राहुल गांधी की टिप्पणी पर महाराष्ट्र में बवाल मचा है.
सावरकर का प्रगतिशील पक्ष देखना चाहिए : पवार
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा, सावरकर ने कई प्रगतिशील बातें कही हैं. जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि हमें सावरकर का प्रगतिशील पक्ष देखना चाहिए. आज वह यहां नहीं हैं. इसलिए जो यहां नहीं हैं उनके बारे में किसी विषय पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है. सावरकर कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है.
पवार ने कांग्रेस से रुख नरम करने को कहा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वी डी सावरकर की की तीखी आलोचना के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में आये भूचाल के बाद शरद पवार ने कांग्रेस नेतृत्व को इस मुद्दे पर शिवसेना की चिंताओं से अवगत कराया. विपक्षी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सावरकर की आलोचना के मामले में अपना रुख नरम करने पर सहमत हो गई है.
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Maharashtra | Savarkar has said many progressive things. As I said earlier also that we should see the progressive side of Savarkar. Today he is not here. So there is no need to discuss any topic about those who are not here. Savarkar is not a national issue: NCP chief Sharad… pic.twitter.com/1oE6Vemo15
— ANI (@ANI) April 1, 2023
सावरकर कभी भी आरएसएस के सदस्य नहीं थे : पवार
पवार ने राहुल गांधी को यह भी बताया कि सावरकर कभी भी आरएसएस के सदस्य नहीं थे और इस बात को रेखांकित किया कि विपक्षी दलों की असली लड़ाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ है.
सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद कांग्रेस-उद्धव ठाकरे गुट में दरार की स्थिति बन गयी थी
राहुल गांधी और कांग्रेस द्वारा सावरकर की आलोचना की वजह से महाराष्ट्र में उसके गठबंधन साझेदार राकांपा और शिवसेना में असहजता की स्थिति बन गयी थह. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में सावरकर मुद्दे को उठाया था और एमवीए सहयोगियों के बीच इस मामले पर सहमति है. राउत ने कहा, एमवीए गठबंधन बरकरार है. यदि किसी को लगता है कि एमवीए टूट जाएगा, तो वह गलत है.
राहुल गांधी ने सावरकर पर क्या दिया था बयान
दरअसल सूरत कोर्ट से दो साल की सजा और संसद की सदस्यता खत्म होने के बाद राहुल गांधी ने धमाकेदार प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. जिसमें उन्होंने लंदन में दिये बयान पर बीजेपी की माफी की मांग पर कहा था कि वो सावरकर नहीं गांधी हैं और गांधी कभी माफी नहीं मांगते. राहुल के इस बयान के बाद जहां बीजेपी और आरएसएस ने विरोध किया था, वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और सांसद संजय राउत ने राहुल गांधी को सावरकर पर टिप्पणी करने से बचने की सवाल दे दी थी. कहा था कि सावरकर उनके आदर्श हैं, उनके खिलाफ टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे.