Indo-China face-off : शरद पवार ने कांग्रेस को याद कराया 1962, कहा – राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में राजनीति ठीक नहीं

Indo-China face-off , india china border dispute, Congress President Sonia Gandhi , लद्दाख में चीन और भारत के बीच सीमा विवाद पर सोनिया और राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश को विश्वास में लेने के लिए कहा है. इधर महाराष्‍ट्र में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने राष्‍ट्रीय मुद्दे पर राजनीति से बचने की सलाह और अतीत (1962) याद करने की नसीहत दे दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2020 8:42 PM

नयी दिल्‍ली : लद्दाख में चीन और भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है और पीएम मोदी से कहा कि सीमा पर संकट के समय सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती. सोनिया और राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश को विश्वास में लेने के लिए कहा है. इधर महाराष्‍ट्र में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने राष्‍ट्रीय मुद्दे पर राजनीति से बचने की सलाह और अतीत (1962) याद करने की नसीहत दे दी है.

राहुल गांधी की टिप्‍पणी पर शरद पवार ने कहा, हम यह नहीं भूल सकते कि 1962 में क्या हुआ था जब चीन ने हमारे क्षेत्र के 45,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. वर्तमान में मुझे नहीं पता कि उन्होंने किसी भूमि पर कब्जा किया है, लेकिन इस पर चर्चा करते समय हमें अतीत को याद रखने की आवश्यकता है. राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

चीन मुद्दे पर सोनिया-राहुल की मोदी सरकार से क्‍या है मांग

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर कहा कि आज जब सीमा पर संकट की स्थिति है तो ऐसे समय सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती. उन्होंने यह सवाल भी किया जब चीन की सेना भारत की भूभागीय अखंडता का उल्लंघन कर रही है तो क्या ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विश्वास में लेंगे?

कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया, देश जानना चाहता है कि अगर चीन ने लद्दाख में हमारी सरजमीं पर कब्जा नहीं किया तो फिर हमारे 20 सैनिकों की शहादत क्यों और कैसे हुई? उन्होंने यह भी पूछा, चीन के सैनिकों द्वारा लद्दाख इलाके में कब्जा की गई हमारी सरजमीं को मोदी सरकार कैसे और कब वापस लेगी? क्या चीन द्वारा गलवान घाटी और पैंगोंग सो इलाके में नए निर्माण और नए बंकर बनाकर हमारी भूभागीय अखंडता का उल्लंघन किया जा रहा है? क्या प्रधानमंत्री इस विषय पर देश को विश्वास में लेंगे? कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, आज पूरा देश सेना और सैनिकों के साथ खड़ा है; सरकार को चाहिए कि वह भारतीय सेना को पूरा सहयोग, समर्थन और ताकत दे. यही सच्ची देशभक्ति है.

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वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस बारे में सच बोलें और अपनी जमीन वापस लेने के लिए कार्रवाई करें तो पूरा देश उनके साथ खड़ा होगा. कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान की एक इंच जमीन किसी ने नहीं ली, कोई हिंदुस्तान के भीतर नहीं आया. उपग्रह से ली गई तस्वीरों से पता चल रहा है, लद्दाख के लोग कह रहे हैं और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी कह रहे हैं कि चीन ने तीन जगह हमारी जमीन छीनी है.

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी, आपको सच बोलना ही पड़ेगा, देश को बताना पड़ेगा. घबराने की कोई जरूरत नहीं है. अगर आप कहेंगे कि जमीन नहीं गई है, लेकिन जमीन गई होगी तो चीन को इससे फायदा होगा. हमें मिलकर इनसे लड़ना है. इन्हें उठाकर वापस फेंकना है, निकालना है. कांग्रेस नेता ने कहा, आप बोलिए कि चीन ने हमारी जमीन ली है और हम कार्रवाई करने जा रहे हैं. पूरा देश आपके साथ खड़ा है. उन्होंने फिर से यह सवाल दोहराया कि हमारे जवानों को हिंसक झड़प वाली रात बिना हथियार के किसने भेजा और क्यों भेजा?

posted by – arbind kumar mishra

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