कोल्हापुर : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा है कि उनकी बेटी और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने साफ कर दिया है कि वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए इच्छुक नहीं हैं और फिलहाल उनका फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव पर है. उन्होंने कहा कि सुप्रिया ने कहा है कि वह किसी प्रकार की नई जिम्मेदारी लेने की स्थिति में नहीं है.
भविष्य में पार्टी का नेतृत्व कर सकती हैं सुप्रिया सुले
पिछले 2 मई को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा करने के बाद एनसीपी के प्रमुख शरद पवार रविवार को महाराष्ट्र के पंढरपुर में पहली दफा जनसभा को संबोधित कर रहे थे. पार्टी के कार्यकर्ता, नेता और समर्थकों की अपील पर उन्होंने तीन दिन पहले इस्तीफे को वापस लिया है. सुप्रिया सुले के फैसले का बचाव करते हुए शरद पवार ने कहा कि वह सातवीं बार एक बेहतरीन सांसद के तौर पर काम कर रही हैं. उन्होंने संकेत दिया कि बारामती की सांसद भविष्य में संभवत: पार्टी के नेतृत्व का जिम्मा संभाल सकती हैं. हालांकि, प्रफुल्ल पटेल और जयंत पाटिल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले ही शरद पवार के उत्तराधिकारी के तौर पर सुप्रिया के नाम पर अपनी सहमति जाहिर कर दी है.
कर्नाटक में कांग्रेस जीतेगी
मुंबई से करीब 350 किलोमीटर दूर तीर्थनगरी पंढरपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान 82 वर्षीय नेता शरद पवार ने कहा कि मौजूदा स्थिति में भाजपा पांच से छह राज्यों में सत्ता में है, जबकि बाकी में गैर-भाजपा सरकारें हैं. उन्होंने कहा कि मुझे जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में आएगी. जहां तक पूरे देश की बात है, तो हम केरल से शुरुआत करेंगे. क्या केरल में भाजपा है? तमिलनाडु में? मैंने आपको कर्नाटक के बारे में बताया है. क्या तेलंगाना में भाजपा है? आंध्र में है? सिर्फ एकनाथ शिंदे की चतुराई के कारण वे महाराष्ट्र में सत्ता पाने में कामयाब रहे.
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खरीद-फरोख्त के जरिए सत्ता में आई भाजपा
शरद पवार ने कहा कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहने के दौरान कांग्रेस के कुछ विधायकों की खरीद-फरोख्त के बाद भाजपा मध्य प्रदेश में सत्ता में आई थी. उन्होंने कहा कि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और बंगाल में भाजपा की सरकार नहीं है. यदि आप देश के पूरे मानचित्र को देखें, तो केवल पांच से छह राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं और शेष राज्यों में गैर-भाजपा सरकारें. मौजूदा परिदृश्य में, पवार ने कहा कि वह अभी भविष्यवाणी नहीं कर पाएंगे कि अगले साल के लोकसभा चुनाव में क्या होगा.