नई दिल्ली : विदेश में भारत के मुद्दों पर चर्चा करने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि विदेशी सरजमीं से भारत के मुद्दों पर चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है, न कि राहुल गांधी ने. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भारत के लोकतंत्र पर लंदन में पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी की टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपाने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश के आंतरिक मामलों पर चर्चा करने की शुरुआत की थी.
सबसे पहले पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाए भारत के मुद्दे
एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में शशि थरूर ने कहा कि देश के भीतर राजनीतिक मतभेद एक सीमा तक ही सीमित होने चाहिए. हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि इसे तोड़ने वाले सबसे पहले भाजपा और मोदी जी ही थे. यह पीएम मोदी ही थे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर टिप्पणी की थी कि पिछले 60 वर्षों में भारत में कुछ भी अच्छा नहीं हुआ. तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कांग्रेस के राष्ट्रपति चुनाव के बारे में भी बात की, जिसमें वह पार्टी के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से हार गए थे. साक्षात्कार के दौरान उन्होंने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर के निधन के बारे में भी बात की.
सोनिया-प्रियंका की सलाह पर लड़ा अध्यक्ष पद का चुनाव
वर्ष 2022 में कांग्रेस के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के अपने फैसले को लेकर पार्टी में मनमुटाव की खबरों के बारे में पूछे जाने पर शशि थरूर ने इसे महज अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया. थरूर ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ इस पर चर्चा की थी. उन्होंने कहा कि मैं अपना नामांकन दाखिल करने से पहले उन तीनों से मिला था और अगर उन्होंने पार्टी में एकता बनाए रखने के लिए इसके खिलाफ सलाह दी थी, तो मैं हार मानने को तैयार था. हालांकि, उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा. इसके विपरीत, उन्होंने मुझे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया. मल्लिकार्जुन खड़गे जीत गए और मैं फैसले का सम्मान करता हूं.
सुनंदा की मौत मामले में फंसाया गया
अपने निजी जीवन के बारे में बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि पत्नी सुनंदा की मौत में जिस तरह से उनका नाम फंसाया गया, वह काफी निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को इससे राजनीतिक लाभ उठाना चाहते थे. उनकी यह कोशिश काफी निराशाजनक था. जो लोग मुझे जानते हैं, वे यह भी जानते हैं कि मैं कभी भी इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकता.
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केरल में विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं शशि थरूर
इसके साथ ही, शशि थरूर ने केरल में विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी योजना की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि केरल मेरी ‘कर्मभूमि’ है. तिरुवनंतपुरम से तीन बार के सांसद ने कहा कि मुझे इस पर निर्णय लेने के लिए और समय चाहिए. उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी के भीतर प्रतिरोध है और कुछ लोग नहीं चाहेंगे कि वे राज्य की राजनीति में उलझें. हालांकि, अगर यह लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है, तो थरूर ने कहा, वह इस पर विचार करेंगे.