चंडीगढ़: कभी पंजाब में सक्रिय अलगावदी संगठन खालिस्तान के आतंकियों से लोहा लेने वाले कॉमरेड बलविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 90 के दशक में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ मजबूती से लड़ने के लिए ना केवल बलविंदर सिंह बल्कि उनके बड़े भाई रंजीत सिंह और उनकी पत्नियों को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. ताजा हमले के पीछ आशंका जताई जा रही है कि बलविंदर की हत्या की संबंध इसी से हो सकता है.
Govt, administration & intelligence agencies are responsible for this. We sought security again, but to no avail. Those who treat security cover as a status symbol have been given provided with it. We actually needed it but weren't provided: Jagdish Kaur, wife of Balwinder Singh https://t.co/VoNH9zG49y
— ANI (@ANI) October 17, 2020
बलविंदर सिंह की पत्नी ने गंभीर आरोप
बलविंदर सिंह की हत्या के बाद मीडिया से बातचीत में उनकी पत्नी जगदीश कौर ने कहा कि इस घटना के लिए सरकार, प्रशासन और खुफिया एजेंसियां जिम्मेदार हैं. जगदीश कौर का कहना है कि उनके परिवार पर हमले की 42 नामजद प्राथमिकी है. इसके अलावा और भी कई हमले हुए हैं जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं.
जगदीश कौर का आरोप है कि ये घटना इसलिए हुई क्योंकि खतरे को जानते हुए भी हमारे परिवार की पुलिस सुरक्षा वापस ली गई. सभी गार्ड्स वापस बुला लिए गए. जगदीश कौर का कहना है कि खतरे के बावजूद पुलिस सुरक्षा वापस लेना गलत था.
जगदीश कौर का कहना है कि पुलिस सुरक्षा उन लोगों को दी गई जिनके लिए ये केवल स्टेटस सिंबल है. जबकि हमें सुरक्षा की सख्त जरूरत है बावजूद इसके हमारी सुरक्षा वापस ली गई.
एसडीएम ने दिया सुरक्षा का आश्वासन
वहीं तरण-तारण के एसडीएम राजेश शर्मा ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. कोरोना लॉकडाउन के दौरान पुलिस सुरक्षा वापस ली गई थी. आपात स्थिति में सुरक्षाकर्मी पुलिस विभाग द्वारा वापस बुला लिए गए थे. अब परिवार को तीन बंदूकधारी प्रदान किए गए हैं. परिवार के साथ और कोई अनहोनी ना हो, ये सुनिश्चित किया जाएगा.
इस वजह से सुर्खियों में आया था परिवार
जानकारी के मुताबिक 90 के दशक में पंजाब का तरण तारण का इलाका खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों से बुरी तरह प्रभावित था. ऐसे वक्त में बलविंदर सिंह और उनके पूरे परिवार ने खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ जंग में काफी निर्णायक भूमिका निभाई थी.
साल 1990 में बलविंदर के परिवार पर 200 की संख्या में आतंकियों ने हमला किया था. तब बलविंदर सहित पूरा परिवार आतंकियों से भिड़ गया था और ऐसी बहादुरी दिखाई थी कि आतंकी भाग खड़े होने पर मजबूर हो गए थे.
इस घटना से बलविंदर सिंह और उनके परिवार का नाम राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया था. साल 1993 में गृह मंत्रालय की सिफारिश पर तात्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने बलविंदर सिंह, उनके भाई रंजीत सिंह, पत्नी जगदीश कौर और भाभी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. किसी आम नागरिक को शौर्य चक्र से सम्मानित किए जाने की ये पहली घटना थी. यही वजह थी कि बलविंदर परिवार सहित आतंकियों के निशाने पर थे.
200 आतंकवादियों से अकेले भिड़ गए थे
जानकारी के मुताबिक सितंबर साल 1990 में खालिस्तानी आतंकी ने अपने साथियों के साथ बलविंदर सिंह के घर पर हमला किया. हमले में रॉकेट लांचर तक का भी इस्तेमाल किया गया. सुरक्षा के दृष्टिकोण से बलविंदर सिंह के घर में जगह-जगह पक्के बंकर बनाए गए थे क्योंकि परिवार आतंकियों के निशाने पर था. आतंकवादियों ने बलविंदर के घर को चारों तरफ से घेर लिया था. उनके घर तक जाने वाले तमाम रास्ते ब्लॉक कर दिए गए थे.
परिवार ने ऐसी स्थिति में बलविंदर सिंह की अगुवाई में खुद जंग लड़ी थी. आतंकी भागने पर मजबूर हो गए थे. बलविंदर सिंह और उनके परिवार ने कई आतंकियों को मार गिराया था. इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.
Posted By- Suraj Thakur