औरंगाबाद का नाम बदलने पर शिवसेना और कांग्रेस में तकरार ठीक से थमी बी नहीं है कि एख बार फिर दोनों सहयोगी दलों में कटाक्ष का सिलसिला चल पड़ा है. इस बार शिवसेना ने किसान आंदोलन के बहाने अपनी सहयोगी पर निशाना साधा है. हालांकि, शिवसेना ने सीधे तौर पर कुछ न कहते हुए इसे परोक्ष रूप से कहा है.
दरअसल, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के एक लेख के जरिये दिल्ली के विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है. लेकिन इस दौरान शिवसेना ने कांग्रेस को भी आड़े हाथ ले लिया. बता दें, सामना के एक लेख के माध्यम से शिवसेना ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में जो हुआ उससे पूरा देश आहत है, लेकिन इस घटना के बाद किसानों को देशद्रोही करार दे दिया गया. इस शिवसेना ने कह दिया कि कांग्रेस राज में भी ऐसा ही होता था.
गौरतलब है कि, इससे पहले भी कई मुद्दों को लेकर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेतृत्व वाली शिवसेना और कांग्रेस के बीच खींचतान सामने आ चुकी है. इससे पहले औरंगाबाद शहर का नाम बदलने को लेकर दोनों दलों के बीच का गतिरोध खुलकर सामने आ चुका है. उस वक्त कांग्रेस ने नाम बदलने की बात का विरोध किया था. तो इस बार शिवसेना ने किसान आंदोनल के बहाने बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस पर भी कटाक्ष कर दिया है.
बता दें, शिवसेना ने सामना के माध्यम से केन्द्र सरकार पर किसानों को पहले भड़काने का आरोप लगाया है. सामना में शिवसेना ने कहा है कि ट्रैक्टर रैली के दौरान किसान हिंसक हुए, क्योंकि उन्हें उकसाया गया था. सामना में यह भी कहा गया है कि इससे पहले 1975 में इंदिरा गांधी सरकार ने भी आंदोलन कर रहे किसानों को राष्ट्रद्रोही करार दिया था.
गौरतलब है कि 26 जनवरी के दिन लाल किले पर तिरंगा उतारकर दूसरा झंडा फहराने की घटना को लेकर पीएम मोदी भी अपने कार्यक्रम मन की बात में कह चुके हैं कि इस घटना से पूरा देश दुखी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और अनेक कदम उठा भी रही है.
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Posted by: Pritish Sahay