Shivamogga Violence: कर्नाटक के शिवमोग्गा में धारा 144 लागू, पुलिस-रैपिड एक्शन फोर्स ने किया फ्लैग मार्च

Shivamogga Violence: शिवमोगा में स्वतंत्रता दिवस पर स्थानीय आमिर अहमद सर्कल पर वीर सावरकर और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान का पोस्टर लगाने को लेकर दो गुटों के बीच विवाद के कारण इलाके में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2022 5:54 PM
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Shivamogga Violence: कर्नाटक के शिवमोगा में स्वतंत्रता दिवस पर स्थानीय आमिर अहमद सर्कल पर वीर सावरकर और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान का पोस्टर लगाने को लेकर दो गुटों के बीच विवाद के कारण इलाके में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है. इसी के मद्देनजर शिवमोगा में धारा 144 लागू है. इस दौरान पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स ने फ्लैग मार्च किया.

वीर सावरकर और टीपू सुल्तान के पोस्टर से विवाद

बता दें कि टीपू सुल्तान के अनुयायियों के एक समूह ने 15 अगस्त को शहर के अमीर अहमद सर्कल में टीपू सुल्तान के बैनर लगाने के लिए वीडी सावरकर के बैनर हटाने की कोशिश की थी. इसके बाद इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया. इसके बाद पुलिस को इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है. वहीं, शिवमोगा के डीसी आर सेल्वमणि ने मंगलवार को शिवमोगा शहर और भद्रावती शहर की सीमा में स्कूल और कॉलेज बंद करने का भी आदेश जारी किया. उन्होंने कहा कि इन दोनों जगहों पर 18 अगस्त तक कर्फ्यू लागू रहेगा. फिलहाल तनाव के बाद स्थिति नियंत्रण में है.


ईश्वरप्पा का आरोप, शिवमोगा में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा रहे हैं कुछ मुस्लिम गुंडे

वहीं, मंगलवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने शिवमोगा में सांप्रदायिक तनाव के लिए कुछ मुस्लिम गुंडों पर आरोप लगाया और यह कहते हुए उन्हें चेतावनी दी कि हिंदू समाज को कमजोर नहीं समझा जाना चाहिए और यदि पूरा समुदाय एकसाथ खड़ा हो जाए तो वे बच नहीं पाएंगे. ईश्वरप्पा ने त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस की सराहना करते हुए मुस्लिम समुदाय के वरिष्ठों से अपने बच्चों का मार्गदर्शन करने का आग्रह किया, जिन्होंने गलत रास्ता चुना है. उन्होंने कहा कि सरकार शांति बनाए रखने के लिए सभी प्रयास कर रही है, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सभी हिंदू और मुस्लिम ऐसी चीजों में शामिल हैं. हिंदू समाज मजबूत है, कमजोर नहीं है. यदि हिंदू समाज वास्तव में खड़ा हो जाए, तो मुस्लिम गुंडे नहीं बच पाएंगे, लेकिन हिंदू कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहते और चाहते हैं कि सरकार कार्रवाई करे.

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