भोपाल : मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार सूबे की पुलिस को पहले से कहीं अधिक पावरफुल बनाने जा रही है. इस सिलसिले में रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भोपाल और इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू करने का ऐलान किया है. रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शहर की आबादी तेजी से बढ़ रही है और इनकी सीमाओं में भी विस्तार हो रहा है. ऐसी स्थिति में कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रविवार को कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहतर है और यहां की पुलिस अच्छे तरीके से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस-प्रशासन ने आपसी तालमेल के साथ कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन शहरों की आबादी बढ़ रही है.
प्रदेश के 2 बड़े महानगरों में राजधानी भोपाल और स्वच्छ शहर इंदौर में हम पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर रहे हैं।
प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहतर है पुलिस अच्छा काम कर रही है। पुलिस और प्रशासन ने मिलकर कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन शहरी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। pic.twitter.com/z41S7EB9NF
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 21, 2021
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि भौगोलिक दृष्टिकोण से शहरों की सीमाओं में विस्तार हो रहा है. बढ़ती आबादी और भौगोलिक सीमाओं की वजह से पुलिस-प्रशासन की चुनौतियां बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का सामना और अपराधियों पर काबू करने के लिए फिलहाल भोपाल और इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू किया जा रहा है.
इस बीच, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शिवराज सिंह की ओर से किए गए ऐलान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी को कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए धन्यवाद. अगर हम कमिश्नर प्रणाली को सामान्य भाषा में समझें तो पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, वे आकस्मिक परिस्थितियों में डीएम या मंडल कमिश्नर या फिर शासन के आदेश अनुसार ही कार्य करते हैं.
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बता दें कि कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम आदि अधिकारियों के फैसले के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला लेने के लिए ज्यादा ताकतवर हो जाएगी. जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा. होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी इसमें शामिल होगा.