मध्य प्रदेश में सोमवार को पहला कैबिनेट विस्तार किया गया. मोहन यादव मंत्रिमंडल में 28 नये मंत्रियों को शामिल किया गया. जिसमें 18 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि 10 अन्य ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली, जिनमें छह स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री शामिल हैं. हालांकि कैबिनेट विस्तार में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबियों का पत्ता साफ कर दिया गया. मंत्रिमंडल में 9 बार के विधायक गोपाल भार्गव सहित कई दिग्गजों की अनदेखी की गई.
गोपाल भार्गव का सोशल मीडिया में छलका दर्द
मोहन यादव कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर 9 बार के विधायक गोपाल भार्गव का दर्द छलका है. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट डाला, जिसमें उन्होंने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने लिखा, मप्र राज्य के मंत्रिमंडल का पूर्ण-रूपेण गठन हो गया है, मैं नव नियुक्त मंत्रीगणों को अपनी ओर से शुभकामनायें प्रेषित करता हूं.
समर्थक मुझसे पूछ रहे कि आपको मंत्रिमंडल में क्यों नहीं लिया गया ?
गोपाल भार्गव ने आगे लिखा, मेरे समर्थक मुझसे पूछ रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ है कि आपको मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया? मैंने उनसे कहा 40 वर्षों के लंबे राजनैतिक जीवन में अब तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी है उनको समर्पित भाव से पूर्ण किया है और आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं. इसलिए मंत्री परिषद के गठन में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का मैं स्वागत करता हूं. पद आते-जाते रहते हैं, पद अस्थायी हैं, पर जन विश्वास स्थायी है, इतने वर्षों तक मैंने अपने क्षेत्र और प्रदेश की जो सेवा की है वह मेरी पूजी और धरोहर है. मेरे क्षेत्र ने मुझे प्रदेश का सबसे वरिष्ठ 9वीं बार विधायक बनाया जो देश में दुर्लभ एवं अपवाद है, मुझे 70% वोट देकर 73000 वोटों से जिताया यह ऋण मेरे ऊपर है मैं जब तक इस क्षेत्र का विधायक रहूंगा कोई कमी या अभाव नहीं रहने दूंगा. राजनैतिक दलों के अपने अपने फॉर्मूले हैं. सामाजिक,क्षेत्रीय कारण हैं जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं, उसके भीतर जाने या जानने में मेरी कोई रूचि नहीं है इसलिए मैं मौन हूं. खाली समय में अब मैं प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा.
मोहन यादव मंत्रिमंडल में इन दिग्गज नेताओं को नहीं मिली जगह
मोहन यादव मंत्रिमंडल में कई दिग्गज नेताओं को जगह नहीं मिली. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी भूपेंद्र सिंह को जगह नहीं मिली. वो शिवराज सरकार में कई जिम्मेदारियों को संभाल चुके हैं. इसके अलावा 9 बार के विधायक गोपाल भार्गव, पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया और गिरीश गौतम शामिल हैं. गोपाल भार्गव को इस बार प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था. उसी समय यह अनुमान लगाया गया था कि मंत्रिमंडल में उनको जगह नहीं मिलेगी.
Also Read: Kailash Vijayvargiya: जानें कौन हैं कैलाश विजयवर्गीय, जो मोहन यादव सरकार में बने कैबिनेट मंत्रीनए मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के चार वफादार
नए मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया के चार वफादारों को जगह मिली है. जिसमें ऐदल सिंह कंसाना, गोविंद राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर और तुलसीराम सिलावट शामिल हैं. ये कांग्रेस के उन 22 विधायकों में से थे, जो मार्च 2020 में भाजपा में शामिल हो गए थे जिसके बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गई थी.
मोहन यादव मंत्रिमंडल में 17 नये चेहरे
नई कैबिनेट में 17 नए चेहरे शामिल हैं. भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि 28 मंत्रियों में से पांच महिलाएं हैं, 12 ओबीसी समुदाय से हैं, पांच आदिवासी हैं और चार अन्य अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से हैं.
कैबिनेट मंत्री
विजय शाह
कैलाश विजयवर्गीय
प्रह्लाद पटेल
करण सिंह वर्मा
राकेश सिंह
उदय प्रताप सिंह
संपतिया उइके
तुलसीराम सिलावट
ऐदल सिंह कंसाना
गोविंद सिंह राजपूत
विश्वास सारंग
निर्मला भूरिया
नारायण सिंह कुशवाहा
नागर सिंह चौहान
प्रद्युम्न सिंह तोमर
राकेश शुक्ला
चैतन्य कश्यप
इंदर सिंह परमार
स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री
कृष्णा गौर
धर्मेंद्र लोधी
दिलीप जयसवाल
गौतम टेटवाल
लाखन पटेल
नारायण सिंह पवार
राज्य मंत्री
नरेंद्र शिवाजी पटेल
प्रतिमा बागरी
दिलीप अहिरवार
राधा सिंह