चेन्नई की 21 साल की श्रेया धर्मराजन बनीं भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त! जानें कैसे
चेन्नई की 21 वर्षीय श्रेया धर्मराजन को महिलाओं की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए आयोजित की गई प्रतियोगिता में विजयी रहने के बाद एक दिन के लिए भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनाया गया.
Shreya Dharmarajan: चेन्नई की 21 वर्षीय श्रेया धर्मराजन को महिलाओं की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए आयोजित की गई प्रतियोगिता में विजयी रहने के बाद एक दिन के लिए भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनाया गया. ब्रिटिश उच्चायोग ने बताया कि श्रेया 2017 से हर साल आयोजित होने वाली ‘एक दिन के लिए उच्चायुक्त’ प्रतियोगिता के भारत संस्करण की सातवीं विजेता हैं.
26 सितंबर को ‘एक दिन के लिए उच्चायुक्त’
इसने कहा कि श्रेया पूरे एक दिन के लिए भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त बनीं और उन्हें एक राजनयिक के जीवन को समझने का दुर्लभ अवसर मिला तथा उन्होंने ब्रिटेन-भारत साझेदारी को क्रियान्वित होते देखा. श्रेया 26 सितंबर को ‘एक दिन के लिए उच्चायुक्त’ थीं.
राजनीति शास्त्र में स्नातक की डिग्री
श्रेया ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति शास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और वर्तमान में वह ‘टीच फॉर इंडिया’ फेलो के रूप में मुंबई के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाती हैं. शिक्षा और बाल मनोविज्ञान में उनकी रुचि है. श्रेया ने कहा, ‘‘भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के रूप में एक दिन बिताना अविश्वसनीय रूप से ज्ञानवर्धक, संतुष्टि देने वाला और समृद्ध अनुभव था.’’
इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाने का मौका
उनका दिन संयुक्त राष्ट्र में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर चर्चा का नेतृत्व करने जैसी गतिविधियों के साथ चिह्नित किया गया था. उन्होंने बताया कि अपने कॉलेज के वर्षों के दौरान, उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों में यात्रा की थी और उच्चायुक्त के रूप में, उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाने का मौका मिला.
जीवंत चर्चा का हिस्सा बनने के लिए काफी भाग्यशाली!
श्रेया ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि मुझे कई क्षेत्रों में महिला नेतृत्व के प्रेरक उदाहरणों के साथ बातचीत करने और उनसे सीखने का अवसर मिला. श्रेया ने यह भी कहा कि मैं एसडीजी को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत के प्रयासों के बारे में जीवंत चर्चा का हिस्सा बनने के लिए काफी भाग्यशाली थी.
उस दिन की सीख को वापस ले जाने के लिए उत्साहित
बता दें कि फिलहाल मुंबई में रहने वाली एक टीच फॉर इंडिया फेलो समूह से श्रेया ने कहा कि वह अपने युवा छात्रों के लिए उस दिन की सीख को वापस ले जाने के लिए उत्साहित थीं, जिनकी एसडीजी के बारे में अपनी राय थी और निश्चित रूप से उनके पास समाधान पेश करने के लिए होगा क्योंकि वे उन जगहों पर रहते थे जहां ऐसे लक्ष्य बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं.