Shri Ram Janmabhoomi : ट्रस्ट पर लगा जमीन की खरीद में घोटाले का आरोप, जानें क्या है पूरा मामला
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जमीन के एक टुकड़े की खरीद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने यह आरोप लगाया है कि राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा जमीन का जो अधिग्रहण किया गया है उसमें भ्रष्टाचार किया गया है.
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जमीन के एक टुकड़े की खरीद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने यह आरोप लगाया है कि राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा जमीन का जो अधिग्रहण किया गया है उसमें भ्रष्टाचार किया गया है.
इंडिया टुडे में छपी खबर के अनुसार हालांकि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि इन आरोपों का राजनीतिक महत्व है क्योंकि अगले साल फरवरी-मार्च में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
समाजवादी पार्टी और आप ने रविवार को दो अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि राम मंदिर ट्रस्ट ने जमीन को बढ़े हुए दाम पर खरीदा है. सपा नेता और पूर्व मंत्री पवन पांडे और आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने की मांग की है. इन नेताओं का आरोप है कि दो करोड़ रुपये की जमीन के एक टुकड़े को 18.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया है.
सपा नेता पवन पांडेय का दावा है कि अयोध्या के सदर तहसील के बाग बजसी गांव में दो रियल एस्टेट डीलरों ने 18 मार्च को 2 करोड़ रुपये में 1.208 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी. खरीद के कुछ ही मिनटों के भीतर, उसी जमीन को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को 18.5 करोड़ रुपये में बेच दिया. पवन पांडेय का कहना है कि आखिर कुछ ही मिनटों में दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ की कैसे हो गयी.
आप नेता संजय सिंह ने इसी आरोप को दोहराते हुए इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताया. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से जमीन खरीदी यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है और सरकार को इसकी ईडी और सीबीआई से जांच करवानी चाहिए.
पवन पांडेय का दावा किया कि खरीद और बिक्री दोनों समझौतों में अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा गवाह हैं. इस जमीन के लिए 17 करोड़ रुपये का पेमेंट RTGS के जरिये किया गया है . सीबीआई को जांच करनी चाहिए कि भुगतान किसने किया और किसने प्राप्त किया.
Posted By : Rajneesh Anand