सिद्धारमैया की नई टीम का गठन, कोई किसान तो कोई इंजीनियर, देखें सभी मंत्रियों का प्रोफाइल

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने राज्य की सत्ता में आने के एक सप्ताह के भीतर शनिवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया. पार्टी ने मंत्रियों की अपनी दूसरी सूची में कई पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को भी मौका दिया है.

By Abhishek Anand | May 27, 2023 7:39 PM

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने राज्य की सत्ता में आने के एक सप्ताह के भीतर शनिवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया. मंत्री पद पाने वालों में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे -आर गुंडू राव के बेटे दिनेश गुंडू राव और एस बंगारप्पा के बेटे मधु बंगारप्पा – शामिल हैं. पार्टी ने मंत्रियों की अपनी दूसरी सूची में कई पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को भी मौका दिया है.

एच के पाटिल

एच के पाटिल कांग्रेस के एक पुराने नेता और अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं. 69 वर्षीय पाटिल गडग निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए. उन्होंने कपड़ा, जल संसाधन, कृषि, कानून और संसदीय मामलों के साथ-साथ ग्रामीण विकास और पंचायत राज के विभाग भी संभाले हैं. वह एक राजनीतिक परिवार से आते हैं, उनके पिता के. एच. पाटिल भी उसी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे.

कृष्णा बायरे गौड़ा

कृष्णा बायरे गौड़ा पांच बार के विधायक हैं – कोलार के वेमगल से दो बार और बेंगलुरु शहर के बयातारायणपुरा से तीन बार. 50 वर्षीय विधायक ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री थे. उन्होंने कृषि, कानून और संसदीय मामलों का प्रभार भी संभाला. उन्होंने वाशिंगटन में अमेरिकन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल सर्विस से अंतरराष्ट्रीय मामलों में स्नातकोत्तर किया है.

एन चेलुवारायस्वामी

एन चेलुवारायस्वामी विधानसभा चुनाव से पहले 2018 में जद (एस) से कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वह नागमंगला से चार बार के विधायक हैं. वह 2009 में लोकसभा सदस्य थे, लेकिन अपनी पसंदीदा सीट नागमंगला से जद (एस) के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 2013 में इस्तीफा दे दिया था.

के. वेंकटेश पेरियापटना

के. वेंकटेश पेरियापटना से पांच बार के विधायक हैं. 75 वर्षीय कांग्रेस विधायक पहले जनता दल के साथ थे. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 2013 में विधायक बने. 2018 में, वह जद (एस) उम्मीदवार के. महादेव से हार गए थे. उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की.

डॉ. एच. सी. महादेवप्पा

डॉ. एच. सी. महादेवप्पा ने जेजेएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है. वह अनुसूचित जाति समुदाय से हैं, टी नरसीपुर के 70 वर्षीय विधायक पहले जद (एस) के साथ थे और बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वह पूर्ववर्ती सिद्धरमैया सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे.

ईश्वर खंड्रे

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे एक राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता भीमन्ना खंड्रे भी कर्नाटक सरकार में मंत्री थे. 61 वर्षीय नेता इंजीनियरिंग स्नातक हैं और बीदर निर्वाचन क्षेत्र में भालकी से चार बार के विधायक भी हैं.

दिनेश गुंडू

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं. उनके पिता स्वर्गीय आर. गुंडू राव 1980 से 1983 तक मुख्यमंत्री रहे. बीएमएस कॉलेज से इंजीनियरिंग करने वाले राव ने 2023 में लगातार छठी बार अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा. वह 2015 से 2016 तक खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री थे.

के. एन. राजन्ना

के. एन. राजन्ना अनुसूचित जनजाति समुदाय के 72 वर्षीय नेता हैं. वह एक वकील और कृषक हैं. वह 2013 में भी मधुगिरि विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.

शरणबसप्पा

शरणबसप्पा दर्शनापुर यादगीर जिले के शहापुर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार के विधायक हैं. 62 वर्षीय नेता सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं. उनके पिता बापूगौड़ा दर्शनपुर शाहापुर से तीन बार विधायक और कर्नाटक सरकार में मंत्री भी रहे.

शिवानंद पाटिल

बसवाना बागेवाड़ी से चार बार के विधायक शिवानंद पाटिल एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में 2018 से 2019 तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री थे.

रामप्पा बलप्पा

रामप्पा बलप्पा तिम्मापुर मुधोल से तीन बार के विधायक हैं. इस साल उन्होंने तत्कालीन मंत्री गोविंद कारजोल को हराकर इस सीट से जीत हासिल की थी, जो उसी निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार के विधायक थे. तिम्मापुर कर्नाटक के चीनी, बंदरगाह और अंतर्देशीय परिवहन मंत्री थे.

एस. एस. मल्लिकार्जुन

एस. एस. मल्लिकार्जुन एक शिक्षाविद हैं, जिन्होंने दावणगेरे उत्तर से चुनाव जीता है. वह कांग्रेस के दिग्गज नेता शमनूर शिवशंकरप्पा के बेटे हैं, जो दावणगेरे दक्षिण से विधायक हैं. वह प्रतिष्ठित एस एस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर, दावणगेरे के अध्यक्ष भी हैं.

शिवराज संगप्पा, डॉ शरणप्रकाश पाटिल और मंकल एस. वैद्य

52 वर्षीय शिवराज संगप्पा तंगदागी कोप्पल जिले के कनकगिरि निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार के विधायक हैं. डॉ शरणप्रकाश पाटिल पेशे से चिकित्सक हैं और कलबुर्गी जिले के सेदम निर्वाचन क्षेत्र से चौथी बार विधायक हैं. मंकल एस. वैद्य उत्तर कन्नड़ जिले में भटकल-होन्नावर निर्वाचन क्षेत्र से दो बार चुने गए.

लक्ष्मी हेब्बलकर और रहीम खान

लक्ष्मी हेब्बलकर बेलगावी ग्रामीण से 48 वर्षीय विधायक हैं. वह दूसरी बार इस सीट से जीती हैं. उन्हें उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार का करीबी माना जाता है. बीदर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र के 57 वर्षीय विधायक रहीम खान एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में युवा सशक्तिकरण एंव खेल मंत्री थे.

डी सुधाकर और संतोष लाड

डी सुधाकर चित्रदुर्ग जिले के हिरियूर से तीन बार के विधायक हैं. 62 वर्षीय कांग्रेस विधायक ने 2008 से 2009 तक कर्नाटक के समाज कल्याण मंत्री के रूप में कार्य किया था. संतोष लाड धारवाड़ जिले के कलघाटगी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. 48 वर्षीय लाड ने बीकॉम किया है और एक कारोबारी परिवार से आते हैं.

एन. एस. बोसेराजू,  एन. एस. बोसेराजू और मधु बंगारप्पा

एन. एस. बोसेराजू, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं, वह विधान परिषद या विधानसभा के सदस्य नहीं हैं. उन्हें कांग्रेस आलाकमान का करीबी माना जाता है. काफी विचार-विमर्श के बाद अंतिम समय में उनके नाम को मंजूरी दी गई. सुरेश बी. एस. दो बार के विधायक हैं जिन्होंने कर्नाटक कैबिनेट में जगह बनाई. मधु बंगारप्पा पूर्व मुख्यमंत्री एस. बंगारप्पा के बेटे हैं. पहले जद (एस) से जुड़े रहे. 56 वर्षीय विधायक ने 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवमोगा जिले के सोरबा विधानसभा क्षेत्र से अपने भाई एवं भाजपा उम्मीदवार कुमार बंगरप्पा को हराया.

डॉ. एम. सी. सुधाकर और बी नागेंद्र बल्लारी

डॉ. एम. सी. सुधाकर चिक्काबल्लापुर जिले के चिंतामणि विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. 54 वर्षीय विधायक तीसरी बार जीतकर कर्नाटक विधानसभा पहुंचे. वह डेंटल सर्जन हैं. बी नागेंद्र बल्लारी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं. उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बल्लारी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु को हराया

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