ड्रैगन के नरम पड़े तेवर के बीच भारत-चीन रिश्ते सुधरने के संकेत, जानिए क्या होगा फायदा?
India China Relations: NSA अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रूस में ब्रिक्स देशों के सीनियर अधिकारियों की बैठक के दौरान आपसी संबंधों पर चर्चा की थी.
India China Relations: गलवान घाटी संघर्ष के बाद से भारत और चीन, एशिया की दो महाशक्तियों के बीच संबंध बेपटरी हो गए थे हालांकि, संबंध सुधारने के प्रयास में कई बैठकें हो चुकी हैं, और अब इनमें नरमी के संकेत मिल रहे हैं भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इसे सुधारने के लिए लगातार पहल की है, और अब चीन की ओर से भी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख के चार क्षेत्रों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव में कमी आई है उन्होंने यह बयान तब दिया जब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रूस में ब्रिक्स देशों (BRICS countries) के सीनियर अधिकारियों की बैठक के दौरान आपसी संबंधों पर चर्चा की थी. दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं, और सीमा पर स्थिति स्थिर है.
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माओ निंग से जब पूछा गया कि क्या यह रिश्तों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है, तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं ने चार क्षेत्रों से वापसी की है और सीमा पर शांति बनी हुई है. इसके साथ ही उन्होंने गलवान घाटी समेत चार स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की पुष्टि की और बताया कि सीमा पर स्थिति सामान्य और नियंत्रण में है. यह टिप्पणी तब आई जब जयशंकर ने जिनेवा में कहा कि चीन के साथ 75% विवादों का समाधान हो चुका है, हालांकि सीमा पर सैन्यीकरण अब भी एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है.
जयशंकर ने स्विट्जरलैंड के थिंकटैंक ‘जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी’ के साथ बातचीत में बताया कि गलवान संघर्ष ने भारत-चीन संबंधों पर व्यापक प्रभाव डाला है. उन्होंने कहा कि सीमा पर हिंसा के बाद यह कहना संभव नहीं कि बाकी संबंध इससे प्रभावित नहीं होंगे. हालांकि, बातचीत जारी है और सैनिकों की वापसी से जुड़ी अधिकांश समस्याओं का समाधान हो चुका है. भारत का रुख साफ है कि जब तक दोनों देश को बीच सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी, तब तक चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते. इस गतिरोध को दूर करने के लिए अब तक दोनों देशों के बीच 21 दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है.
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भारत चीन रिश्ते सुधरने से क्या फायदा? (What is benefit improving India China relations)
आर्थिक लाभ: भारत और चीन दोनों देश व्यापार के नजरिए विशाल बाजार हैं. ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच संबंध सुधरते हैं, तो व्यापार और निवेश के क्षेत्र में बड़ा फायदा हो सकता है. इससे दोनों देशों में रोजगार के अधिक अवसर बढ़ सकते हैं और आर्थिक विकास में तेजी आ सकती है. वहीं वर्तमान में भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा (india china trade deficit) अधिक है. अगर संबंध बेहतर होते हैं, तो यह असंतुलन कम किया जा सकता है और भारत अपने उत्पादों को चीन में और अधिक निर्यात कर सकता है.
भारत चीन रिश्ते सुधरने से क्षेत्रीय स्थिरता कायम (india china relations)
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद (india china border dispute) लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हैं. ऐसे में अगर रिश्ते सुधरते हैं, तो इन विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है, जिससे सीमा पर तनाव कम होगा वहीं दोनों देशों के संबंध सुधारने से पूरे एशिया क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रह सकती है. क्योंकि ये दोनों देश इस क्षेत्र के सबसे बड़े और प्रभावशाली देश हैं.