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SIPRI Report 2023: चीन और पाकिस्तान के होश उड़ाएगी भारत की न्यूक्लियर तैयारी, आपको भी होगा गर्व

सिपरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का विस्तार कर रहे हैं और दोनों ने 2022 में नए प्रकार के परमाणु वितरण प्रणाली विकसित करना जारी रखा है.

SIPRI Report: भारतीय सेना के लिए चीन और पाकिस्तान हमेशा एक चुनौती का विषय बना रहा है और सेना को हमेशा इन दोनों के लिए तैयार रहना पड़ता है. पाकिस्तान, भारत को हमेशा से अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है. तो वहीं, दूसरी तरफ चीन भी भारत के खिलाफ आये दिन साजिश रचता रहता है. कारण यहीं हैं कि भारत ने अब अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. बॉर्डर पर आये दिन बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत भी अब लंबी दूरी के हथियार डेवलप करने पर खास ध्यान दे रहा है और अपनी परमाणु क्षमता को बढ़ा रहा है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. SIPRI की रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने परमाणु खजाने को बढ़ा रहे हैं. केवल यहीं नहीं, दोनों ही देश परमाणु हथियार को ले जाने वाले नए सिस्टम को भी डेवलप कर रहे हैं.

चीन और अमेरिका के बीच कड़ा मुकाबला

12 जून के दिन SIPRI ने ईयरबुक 2023 को पेश किया है. इसमें कहा गया है कि चीन ने पिछले एक साल के दौरान अपने परमाणु खजाने में काफी बढ़ोतरी की है. रिपोर्ट में कहा गया चीन जिस हिसाब से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें बना रहा है, उस हिसाब से आने वाले एक दशक के अंत तक वह अमेरिका और रूस से बराबरी कर सकता है. सिपरी के रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में चीन के परमाणु खजाने में 350 हथियार थे जो कि साल 2023 में बढ़कर 410 हो गए हैं.

पाकिस्तान का मुख्य फोकस भारत के परमाणु हथियारों को लेकर

स्वीडन की थिंक टैंक की रिपोर्ट्स की माने तो भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों में लगातार बढ़ोतरी कर रहे हैं. दोनों ही देशों ने साल 2022 में परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम नये सिस्टम सिस्टम को डेवलप किया है और इसका डेवलपमेन्ट आगे भी जारी है. इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पाकिस्तान का मुख्य फोकस भारत के परमाणु हथियारों को लेकर हैं. वहीं, भारत लंबी दूरी के हथियार डेवलप करने में लगा हुआ है, यह हथियार चीन के अंदर तक जाकर टारगेट को निशाना बनाने की काबिलियत रखता है.

अमेरिका और रूस के पास सबसे ज्याद हथियार

SIPRI द्वारा जारी रिपोर्ट की माने तो परमाणु हथियारों का 90 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका और रूस के पास मौजूद है. इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि उनके संबंधित परमाणु आर्सेनल का आकार 2022 में अपेक्षाकृत स्थिर रहा. हालांकि, फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के युद्ध के मद्देनजर दोनों देशों में परमाणु बलों के संबंध में पारदर्शिता में गिरावट दर्ज की गयी है. SIPRI ने आगे अपनी इस रिपोर्ट में कहा कि भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इज़राइल सहित नौ परमाणु-सशस्त्र देशों ने अपने परमाणु आर्सनल का आधुनिकीकरण जारी रखा है.

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