Sitaram Yechury:जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष से माकपा के महासचिव तक सीताराम येचुरी का सफर रहा शानदार

वर्ष 1975 में देश में लगे आपातकाल का विरोध करने के मामले में पुलिस ने येचुरी को गिरफ्तार कर लिया. आपातकाल के बाद वे जेएनयू छात्रसंघ के 1977-78 तक अध्यक्ष रहे. प्रकाश करात और सीताराम येचुरी की जोड़ी ने जेएनयू को वामपंथी गठ बनाने में अहम भूमिका निभाई.

By Vinay Tiwari | September 12, 2024 5:31 PM
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Sitaram Yechury: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. सांस की समस्या से जूझ रहे येचुरी का इलाज एम्स दिल्ली में चल रहा था. 12 अगस्त 1952 में येचुरी का जन्म चेन्नई में हुआ था. उनके माता-पिता आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के रहने वाले थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई हैदराबाद में हुई. 10 वीं तक की पढ़ाई ऑल सेंट हाईस्कूल से की. वर्ष 1969 में तेलंगाना को लेकर आंदोलन चल रहा था और येचुरी भी इस आंदोलन से जुड़ गए और फिर  वे दिल्ली आ गए. दिल्ली में 12वीं की पढ़ाई प्रेसिडेंट एस्टेट स्कूल से की और 12 वीं में वे सीबीएसई के ऑल इंडिया टॉपर बने. इसके बाद सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री ली और फिर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स में एमए की डिग्री ली. फिर इकोनॉमिक्स में पीएचडी के लिए जेएनयू में दाखिला लिया. लेकिन आपातकाल का विरोध करने के कारण हुई गिरफ्तारी के कारण पीएचडी पूरी नहीं कर सके.

 राजनीति से कैसे जुड़े

वर्ष 1974 में येचुरी माकपा के छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़ गये. एक साल बाद माकपा से जुड़ गए. वर्ष 1975 में देश में लगे आपातकाल का विरोध करने के मामले में पुलिस ने येचुरी को गिरफ्तार कर लिया. आपातकाल के बाद वे जेएनयू छात्रसंघ के 1977-78 तक अध्यक्ष रहे. प्रकाश करात और सीताराम येचुरी की जोड़ी ने जेएनयू को वामपंथी गठ बनाने में अहम भूमिका निभाई. वर्ष 1978 में येचुरी स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव और फिर इसके अध्यक्ष बने. वर्ष 1984 में माकपा के केंद्रीय समिति के सदस्य बने. वर्ष 1985 में पार्टी के संविधान में बदलाव कर पोलित ब्यूरो के तहत काम करने के लिए पांच सदस्यीय केंद्रीय सचिवालय का गठन किया गया, जिसमें येचुरी भी सदस्य बनाए गये. फिर वर्ष 1992 में पाेलित ब्यूरो के सदस्य बनाए गए. येचुरी 19 अप्रैल 2015 को माकपा के महासचिव चुने गये. वर्ष 2005 से वर्ष 2017 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. यूपीए सरकार के गठन में येचुरी का अहम रोल रहा. 

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