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महबूबा मुफ्ती ने कहा-हम कश्मीर और कश्मीरियत को बचाकर रहेंगे, आर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद हालात और बिगड़े

महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 को हटाये जाने का जम्मू-कश्मीर के लोगों को विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने छीने गये अधिकारों के लिए खड़े होना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2021 10:34 PM

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद हालात और बिगड़े हैं. पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि आर्टिकल 370 के हटाये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं भी बढ़ी हैं.

पीटीआई न्यूज एजेंसी के अनुसार महबूबा मुफ्ती ने रविवार को दावा किया कि अनुच्छेद 370 को हटाये जाने का जम्मू-कश्मीर के लोगों को विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने छीने गये अधिकारों के लिए खड़े होना चाहिए.

महबूबा ने पुंछ जिले में पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र के फैसले को गलत, असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक करार दिया और आरोप लगाया कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की गरिमा और सम्मान के साथ खिलवाड़ है.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराना ही नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिये जाने के प्रति गंभीर नहीं है और उन्हें और घाटी के लोगों को सरकार की नीयत पर शक है.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वर्तमान हालात में युवाओं को सामने आने की जरूरत है और अपने छीने गये अधिकारों की मांग करने की जरूरत है. केंद्र सरकार कश्मीरियों की पहचान खत्म करना चाहती है. युवा बेरोजगार हो रहे हैं. केंद्र सरकार हमारी जमीन और पहचान सबकुछ छीन लेना चाहती है, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे.

महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक वे हमारा अस्तित्व खत्म नहीं कर देते. लेकिन हम कश्मीर और कश्मीरियत को बचाकर रखेंगे और इसके लिए हम संघर्ष करते रहेंगे.

ज्ञात हो कि पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को समाप्त कर दिया था और इस प्रदेश को दो भागों में बांटकर केंद्र शासत प्रदेश बना दिया था. उस वक्त से महबूबा मुफ्ती आर्टिकल 370 को फिर से बहाल करने और प्रदेश में चुनाव कराने की मांग करती रही हैं. वे कई बार केंद्र सरकार को धमकी भी दे चुकी है और पाकिस्तान से बातचीत की सलाह भी वे मोदी सरकार को बीच-बीच में देती रहती हैं.

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