…तो क्या भाजपा के साथ दोबारा हाथ मिलाएगी शिवसेना? संजय राउत ने की पीएम मोदी की तारीफ, तब अटकलें हो गईं तेज
अपने बयान में शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले फिलहाल विपक्ष के पास कोई दमदार चेहरा नहीं है. उन्होंने कहा कि बिना किसी बड़े चेहरे के लोकसभा चुनाव-2024 में नरेंद्र मोदी को हराना आसान नहीं होगा.
नई दिल्ली : देश के सियासी गलियारे में इन दिनों गिले-शिकवे मिटाकर पुराने साथियों को साथ लाने और नए सहयोगियों की तलाश जोरों पर है. मकसद चाहे मिशन-2022 हो या फिर लोकसभा चुनाव-2024. इस सियासी कवायद के बीच अटकलों का बाजार भी गर्म है. शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की है. उनकी इस तारीफ के बाद अटकलें यह लगाई जाने लगी हैं कि शिवसेना एक बार फिर भाजपा के साथ हाथ मिला सकती है.
अपने बयान में शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले फिलहाल विपक्ष के पास कोई दमदार चेहरा नहीं है. उन्होंने कहा कि बिना किसी बड़े चेहरे के लोकसभा चुनाव-2024 में नरेंद्र मोदी को हराना आसान नहीं होगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में मोदी की लोकप्रियता में उसी प्रकार थोड़ी कमी आई है, जैसे चीन से युद्ध के बाद पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की लोकप्रियता में कमी आई थी. लेकिन, वे मोदी हैं और देश के सबसे बड़े नेता हैं.
शिवसेना सांसद ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मुकाबले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता सबसे सही उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक बड़े नेता हैं, लेकिन उनकी पार्टी में उनसे भी बड़े कई नेता अब भी मौजूद हैं.
शिवसेना सांसद संजय राउत की ओर से पीएम मोदी की तारीफ में दिए गए बयान के बाद अटकलें यह लगाई जा रही हैं कि कहीं शिवसेना एक बार फिर भाजपा के साथ हाथ तो नहीं मिलाने वाली है? इसका कारण यह बताया जा रहा है कि संजय राउत का यह बयान तब सामने आया है, जब मंगलवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की है.
उधर, खबर यह भी है कि अगले साल उत्तर प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और फिर उसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा भी अपने पुराने सहयोगियों की नब्ज टटोलने में जुटी हुई है. संजय राउत के बयान को उसी संदर्भ में जोड़कर देखा जा रहा है और इसी आधार पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के पहले शिवसेना अपने पुराने सहयोगी के साथ एक बार फिर हाथ मिला सकती है.
Posted by : Vishwat sen