Social Justice: दिव्यांग पुनर्वास एवं विशेष शिक्षा में राष्ट्रीय टॉपर्स को सरकार करेगी सम्मानित
'दिव्यांग पुनर्वास एवं विशेष शिक्षा' में राष्ट्रीय टॉपर्स को मंगलवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार सम्मानित करेंगे. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग के तहत राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा बोर्ड (एनबीईआर) और भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) ने इस दीक्षांत समारोह का आयोजन किया है.
Social Justice: देश में दिव्यांगों की जरूरतों को लेकर सरकार संवेदनशील है. ‘दिव्यांग पुनर्वास एवं विशेष शिक्षा’ में राष्ट्रीय टॉपर्स को मंगलवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार दीक्षांत समारोह में सम्मानित करेंगे. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग के तहत राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा बोर्ड (एनबीईआर) और भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) ने इस दीक्षांत समारोह का आयोजन किया है. इस साल जून में आयोजित राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा के परिणाम अगस्त माह में घोषित किए गए थे.
एनबीईआर और आरसीआई अब इन परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित करने के लिए एक प्रतिष्ठित मंच प्रदान कर रहा है. इस समारोह का प्राथमिक उद्देश्य उन छात्रों की उपलब्धियों को दर्शाना है, जिन्होंने विशेष शिक्षा और पुनर्वास सेवाओं में उत्कृष्टता हासिल की है. इस कार्यक्रम में सिर्फ अकादमिक प्रतिभा की ही नहीं बल्कि कौशल विकास और पेशेवर प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया जाएगा, जिससे भावी पीढ़ियों को प्रेरणा मिल सके. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय टॉपर्स के अलावा शिक्षकों और अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया है.
छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है मकसद
दीक्षांत समारोह में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पदक और प्रमाण पत्र दिया जायेगा. इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार स्वच्छता पखवाड़े के हिस्से के रूप में स्वच्छता और साफ-सफाई के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देते हुए स्वच्छता शपथ दिलायेंगे. कार्यक्रम में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संस्थानों के अधिकारी, एनबीईआर के तहत सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, आरसीआई से संबद्ध विभिन्न संस्थान शामिल होंगे.
लगभग 800 छात्रों के साथ उनके माता-पिता, शिक्षक और सरकारी अधिकारियों के भाग लेने की संभावना है. एनबीईआर और आरसीआई कार्यक्रम के जरिये कौशल-आधारित शिक्षा के महत्व को उजागर करने और उन छात्रों के समर्पण को आगे लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो विशेष शिक्षा और विकलांगता पुनर्वास के क्षेत्र में कुछ बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सरकार की कोशिश युवाओं को ऐसे काम से प्रेरणा लेकर समाज के हित में काम करने के लिए प्रेरित करना है.