महिला अधिकार और पितृसत्ता के खिलाफ अंतिम वक्त तक लड़ती रहीं कमला भसीन का निधन
कमला भसीन के निधन से सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है. 1970 के दशक से वह भारत के साथ- साथ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन की आवाजों में सबसे प्रमुख रहीं थी.
शोषित दबी कुचली महिलाओं की आवाज बनकर काम करने वाली नारीवादी लेखिका कमला भसीन का निधन हो गया. वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थीं. शनिवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली.
कमला भसीन के निधन से सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है. 1970 के दशक से वह भारत के साथ- साथ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन की आवाजों में सबसे प्रमुख रहीं थी.
उनके कई ऐसे आंदोलन, महिलाओं के शोषण के खिलाफ आवाज पर कार्रवाई हुई. कई महिलाओं को न्याय मिला. अब उनकी आवाज खामोश हो गयी है. उम्र की बढ़ती संख्या के बावजूद भी वह मुखर थीं और सही वक्त पर अपनी आवाज जरूर बुलंद करती थीं. सामाजिक सगंठनों का कहना है कि कमला भसीन के जाने से महिलावादी आंदोलन सहित सभी जन आंदोलनों की अपूरणीय क्षति हुई है.
ना सिर्फ आंदोलन के जरिये बल्कि अपनी लेखनी के माध्यम से भी वह महिला अधिकार की जमकर वकालत करतीं थीं. अपने लेखों और वक्तव्यों के जरिये उन्होंने कई महिलाओं के अंदर उत्साह, बुरे वक्त से लड़ने की ताकत भरी है. उन्होंने जेंडर थ्योरी, फेमिनिज्म और पितृसत्ता को समझने पर कई किताबें लिखी हैं. साथ ही साल 2002 में एक फेमिनिस्ट नेटवर्क ‘संगत’ की स्थापना की.
Kamla Bhasin, our dear friend, passed away around 3am today 25th Sept. This is a big setback for the women's movement in India and the South Asian region. She celebrated life whatever the adversity. Kamla you will always live in our hearts. In Sisterhood, which is in deep grief pic.twitter.com/aQA6QidVEl
— Kavita Srivastava (@kavisriv) September 25, 2021
कमला भसीन के निधन की जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने ट्विटर लिखा, हमारी प्रिय मित्र, का आज 25 सितंबर को लगभग 3 बजे निधन हो गया. उनके निधन से भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिला आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका लगा है. विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने जीवन का जश्न मनाया. कमला आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। सिस्टरहुड में, जो गहरे दुख में है.
Fiesty #Kamla Bhasin has fought her last battle, singing and celebrating a life well lived.Her absence will be felt acutely, her gutsy presence,laughter and song,her wonderful strength are her legacy
We treasure her now as we did before .Aruna Roy— Azmi Shabana (@AzmiShabana) September 25, 2021
शबाना आजमी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा है, तेजतर्रार कमला भसीन ने अपनी आखिरी लड़ाई, गायन और जीवन को अच्छी तरह से जीने का जश्न मनाया है। उनकी कमी हमेशा खलेगी उनकी साहसी मौजूदगी हंसी और गीत, उनकी अद्भुत ताकत उनकी विरासत है. हम सब इसे संजो कर रखेंगे जैसा हमने पहले अरुणा रॉय के लिए किया.
Very sad to hear about the tragic demise of dear friend and an exceptional human being Kamla Bhasin. We were just discussing about her health yesterday but never realised that she will leave us next day. U will be terribly missed.🙏🙏 https://t.co/sxlvzMakSY
— S lrfan Habib एस इरफान हबीब عرفان حبئب (@irfhabib) September 25, 2021
इतिहासकार इरफान हबीब ने कमला भसीन को याद करते हुए लिखा, ”प्रिय मित्र और असाधारण इंसान कमला भसीन के दुखद निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. हम कल ही उनके स्वास्थ्य के बारे में चर्चा कर रहे थे लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि वह अगले दिन हमें छोड़ देंगी. आप बहुत याद आएंगी.”