आने वाली 21 तारीख (जून) को सूर्यग्रहण लगने वाला है. इस सूर्यग्रहण को उत्तरी भारत, चीन, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया और दक्षिण में पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. इस सूर्यग्रहण से जुड़ी एक दिलचस्प बात ये है कि जब पूरा सूर्य चांद के पीछे छिप जाएगा और केवल इसकी बाहरी परत यानी कोरोना नजर आएगी. असल में कोरोना एक रिंगनुमा गोल आकृति है, इसके चारों ओर से बाहर को निकलती ज्वाला जैसी नजर आती है. इसका कोरोना वायरस के कुछ लेना देना नहीं है.
रविवार के दिन लगने वाले इस ग्रहण को चूड़ामणि ग्रहण भी कहा जाता है। इस ग्रहण के सूतक नियम आदि 20 जून की रात 10.09 बजे से मान्य होंगे. 21 जून आषाढ़ कृष्ण पक्ष को कंकणाकृति खंडग्रास को यह सूर्य ग्रहण लगेगा. यह ग्रहण भारत के कुछ भूभाग में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा व कुछ भाग में कंकणाकृति रूप में दिखेगा.
मेष, सिंह, कन्या, मकर राशि पर शुभ। वृषभ, तुला, धनु, कुंभ राशि पर मध्यम और मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन राशि पर उसके अशुभ प्रभाव रहेंगे. इस ग्रहण के अवधि काल में एक साथ छह ग्रह वक्री रहेंगे. इसमें बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु हैं। ये ग्रह 21 जून को वक्री रहेंगे.
यह ग्रहण 21 जून की सुबह 10.09 बजे ग्रहण स्पर्श होगा. 11.47 बजे ग्रहण मध्य व दोपहर 1.36 बजे ग्रहण का मोक्ष रहेगा. इस ग्रहण का जनमानस पर व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है. खासकर मृगशिरा व आर्द्रा नक्षत्र तथा मिथुन राशि पर इस ग्रहण का मुख्य प्रभाव रहेगा.
21 जून को सूर्य ग्रहण का समय
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9:15 पूर्वाह्न आंशिक ग्रहण शुरू
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10:17 पूर्वाह्न पूर्ण ग्रहण शुरू
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12:10 अपराह्न अधिकतम ग्रहण
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2:02 बजे पूर्ण ग्रहण समाप्त
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3:04 बजे आंशिक ग्रहण समाप्त
जून के माह में सूर्य और चंद्रग्रहण दोनों ही लगने वाले हैं. चंद्रग्रहण जहां आज यानी 5 जून को लगेगा तो वहीं 21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा. ग्रहण के दौरान सूतक का भी विशेष महत्व होता है. सूतक काल चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों के समय लगता है. (Sutak kal) सूतक काल में किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता. यहां तक की कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के दौरान बंद कर दिये जाते हैं.