UNHRC में भारत का परचम लहराएंगे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, यूपीआर में करेंगे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू के 41वें सत्र के दौरान 10 नवंबर को आयोजित होने वाले चौथे राउंड में भारत की ओर से राष्ट्रीय रिपोर्ट की समीक्षा पेश की जाएगी.
नई दिल्ली : भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता जिनेवा में होने वाले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू में अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. मीडिया से बातचीत करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मैं कि 7 से 18 नवंबर तक संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में आयोजित होने वाली यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू के 41वें सत्र में भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूंगा. उन्होंने कहा कि इसमें संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश हिस्सा लेंगे. इस बैठक में सभी देशों द्वारा मानवाधिकारों के प्रदर्शन की समीक्षा होगी.
10 नवंबर को पेश की जाएगी भारत की रिपोर्ट
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू के 41वें सत्र के दौरान 10 नवंबर को आयोजित होने वाले चौथे राउंड में भारत की ओर से राष्ट्रीय रिपोर्ट की समीक्षा पेश की जाएगी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता जिस भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, उसमें विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम), गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा, इस प्रतिनिधिमंडल में ग्रामीण विकास मंत्रालय, नीति आयोग और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलपति को भी शामिल किया गया है.
क्या है यूपीआर
यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू यानी यूपीआर एक महत्वपूर्ण तंत्र है, जिसका भारत पूरी तरह से समर्थन करता है. यह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की एक अनोखी समीक्षा प्रक्रिया है, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के मानवाधिकारों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाती है. यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू अपने सार्वभौमिक चरित्र, रचनात्मक और परामर्शी दृष्टिकोण और सदस्य देशों के बीच संवाद और सहयोग पर दिए गए मानवाधिकार तंत्रों में से एक है. यूपीआर तंत्र मानवाधिकार दायित्वों को मानने और उसे पूरा करने में सदस्य देशों की भूमिका को मजबूत बनाता है.
133 देशों ने रजिस्ट्रेशन कराया
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत ने अन्य देशों की समीक्षा में सक्रियता से भाग लिया है और हम इस तथ्य का स्वागत करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के 133 सदस्य देशों ने हमारी आपसी समीक्षा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. भारत ने मानवाधिकार पर तैयार राष्ट्रीय रिपोर्ट को पिछले 5 अगस्त को पेश किया था. इसमें वर्ष 2017 में यूपीआर के तीसरे राउंड में स्वीकार की गई सिफारिशों के कार्यान्वयन सहित मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण की दिशा में भारत की ओर से उठाए गए कदम की रूपरेखा को शामिल किया गया है.
Also Read: पीएम मोदी की विदेश नीति पर प्रश्नचिन्ह, यूएनएचआरसी की शर्मनाक रिपोर्ट पर जवाब देंः कांग्रेस
सदस्य देशों की सहमति बनाने का प्रयास
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमने अपने मानवाधिकार दायित्वों का निर्वहन करने में सदस्य देशों की भूमिका को रेखांकित किया है. हमने अपने एजेंडे पर विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में आम सहमति बनाने का प्रयास किया है और हम रचनात्मक तरीके से परिषद के विचार-विमर्श में हिस्सा लिया है.