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मणिपुर में शहीद श्यामल दास ने बेटी से कहा था- बर्थडे का तोहफा लेकर जल्द आऊंगा, ताबूत में लौटे AR के जवान

वायु सेना अड्डा के बाहर भारी संख्या में स्थानीय लोग तथा भाजपा समेत अन्य दल के लोग शहीद जवान के पार्थिव देह के दर्शन हेतु सुबह से ही खड़े रहे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2021 4:36 PM

पानागढ़ (मुकेश तिवारी): मणिपुर के चुराचांदपुर के सिंघत सब डिवीजन में शनिवार को आतंकवादी हमले में शहीद मुर्शिदाबाद के जवान श्यामल दास का पार्थिव देह सोमवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा. सुबह सवा 10 बजे पानागढ़ के विरुडीहा स्थित अर्जन सिंह वायुसेना अड्डे पर वायु सेना के विशेष विमान से उनका पार्थिव देह पहुंचा था. यहां से सड़क मार्ग से पूरे सम्मान के साथ सेना के वाहन में सवा 11 बजे शहीद जवान श्यामल दास का पार्थिव देह को मुर्शिदाबाद भेजा गया.

सेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि पानागढ़ वायु सेना परिसर में ही शहीद वीर सैनिक श्यामल दास के पराक्रम, शौर्य और बलिदान के सम्मान में आयोजित समारोह में थल सेना प्रमुख और पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ की ओर से जनरल ऑफिसर कमांडिंग, ब्रह्मास्त्र कोर और अन्य अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की. कमीशन अधिकारी और अन्य ने बहादुर जवान को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान वायु सेना अड्डा के बाहर भारी संख्या में स्थानीय लोग तथा भाजपा समेत अन्य दल के लोग शहीद जवान के पार्थिव देह के दर्शन हेतु सुबह से ही खड़े रहे.

मणिपुर में शहीद श्यामल दास ने बेटी से कहा था- बर्थडे का तोहफा लेकर जल्द आऊंगा, ताबूत में लौटे ar के जवान 2

इस दौरान भाजपा के बर्दवान सदर जिला पार्टी उपाध्यक्ष रमन शर्मा, ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष संदीप गुप्ता समेत अन्य नेता भी उपस्थित थे. भारतीय सेना की निगरानी में पार्थिव देह मुर्शिदाबाद शहीद जवान के पैतृक गांव ले जाया गया. वहां अंतिम संस्कार के समय सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा. बताया जाता है कि शनिवार को मुर्शिदाबाद जिले के कांदी अनुमंडल के खारग्राम थाना व प्रखंड के कीर्तिपुर ग्राम पंचायत के नगर गांव के 46 असम राइफल्स बटालियन के 32 वर्षीय जवान श्यामल दास (राइफलमैन) की मणिपुर में हुए हमले में मौत हो गयी थी.

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चरमपंथी संगठन ने जिस कमांडिंग ऑफिसर विप्लव त्रिपाठी के काफिले पर हमला किया, उनकी कार को श्यामल चला रहे थे. घात लगाकर किये गये इस हमले में असम राइफल्स के सीओ कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और एक संतान के साथ सेना के 4 जवान शहीद हो गये थे. शहीद जवानों के नाम आरएफएन एनके कोन्याकी, आरएफएन श्यामल दास, आरएफएन सुमन स्वर्गियारी और आरएफएन आरपी मीना हैं.

दो दिन पहले बेटी से फोन पर की थी बात

सोमवार सुबह से ही मुर्शिदाबाद में श्यामल के परिवार के साथ-साथ उनके पूरे गांव के लोगों को उनके पार्थिव देह का इंतजार था. खराब मौसम के कारण पार्थिव देह रविवार को नहीं पहुंच पाया. शहीद की पत्नी सुपर्णा दास (27) की आंखें नम थीं. उन्होंने कहा कि उनकी इकलौती बेटी दीया दास (8) का दो दिन पहले जन्मदिन था. आखिरी बार उनके पिता ने फोन पर उसे बधाई दी थी. शहीद जवान श्यामल के पिता धीरेंद्र दास (55) तथा मां माधवी दास (50) ने उसी दिन अपने पुत्र श्यामल से बात की थी.

बेटी से कहा था- जन्मदिन का तोहफा लेकर जल्द आऊंगा

श्यामल ने बेटी से कहा था कि वह बहुत जल्द जन्मदिन का तोहफा लेकर लौटेंगे. तब किसी ने नहीं सोचा था कि वह ताबूत में इस तरह से लौटेंगे. श्यामल दास के पिता धीरेन दास ने कहा कि हम बहुत ही गरीब परिवार से हैं. मेरे दो बेटे थे. कुछ दिन पहले छोटे बेटे की मौत हो गयी. बड़ा बेटा मणिपुर में राइफल डिफेंस के लिए असम में कार्यरत था. नवंबर 2009 में उनका बड़ा बेटा श्यामल दास असम राइफल्स में भर्ती हुआ था. पुत्र श्यामल का लक्ष्य बहुत बड़ा आदमी बनना था. कई बार आतंकियों से निबट चुका था. जब भी घर आता था, तो आतंकवादियों से मुठभेड़ की कहानियां बताता था. इस बार घात लगाकर हमला करके आतंकियों ने उसे हरा दिया.

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श्यामल के पिता ने कहा कि हमारे लिए तो सब कुछ आतंकियों ने खत्म ही कर दिया. हालांकि, मैं अपने बेटे की मौत से दुखी नहीं हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया है. शहीद की आत्मा सबसे ऊपर है. उग्रवादी कायर होते हैं. मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि उन्हें ढूंढ़कर फांसी पर लटका दिया जाये.

बेटे की कहानी लोगों को बता रही है मां

सेना सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, शहीद श्यामल दास के घर पर शोक जताने के लिए सुबह से ही ग्रामीण जमा हो गये हैं. शहीद की मां अपने बेटे के बारे में लोगों को बता रही हैं. पुत्र पूजा से पहले घर आया था. दुर्गापूजा की पंचमी को ड्यूटी पर वापस चला गया. उन्होंने बताया कि नवान्न उत्सव मे गांव लौटने की बात कहकर गया था, लेकिन उससे पहले ही उसके शहादत की खबर आ गयी.

Posted By: Mithilesh Jha

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