सोमवार 22 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए थे. सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए. लेकिन देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है.
इस मामले में कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि अगर गलवान घाटी में घुसपैठ नहीं हुई तो जवान शहीद कैसे हो गए. दरअसल, कांग्रेस देश की जनता को ये बताने की कोशिश कर रही है कि मोदी सरकार चीनी घुसपैठ की सच्चाई छिपा रही है. सरकार के इस रवैए से देश की सुरक्षा और भूभागीय अखंडता खतरे में आ गई है.
गलवान घाटी के में हुए शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस द्वारा आज ‘शहीदों को सलाम दिवस’ के रूप में मनाया गया. कांग्रेस पार्टी ने देशभर में प्रदर्शन कर नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा में चीनी अतिक्रमण का विरोध किया.
सोनिया गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारी सीमा में कोई घुसपैठ नहीं हुई, वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रालय कई बार चीनी सैनिकों के घुसपैठ की चर्चा करते हैं. एक्सपर्ट्स और मीडिया सैटेलाइट तस्वीरें दिखाकर चीनी घुसपैठ की पुष्टि कर रहे हैं. देश जानना चाहता है कि अगर चीन ने लद्दाख में हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया तो हमारे 20 सैनिकों की शहादत क्यों और कैसे हुई?”
PM says China didn't infiltrate, but on the other hand, Defence Min&External Affairs Ministry keep discussing it. Today when we're paying tribute to our martyrs, then India wants to know why & how our 20 soldiers were killed (in Galwan Valley): Congress interim pres Sonia Gandhi pic.twitter.com/oSxiB0SU1R
— ANI (@ANI) June 26, 2020
सोनिया गांधी ने आगे कहा, “चीन की सेना ने लद्दाख में घुसपैठ करके कब्जा किया गया. अब मोदी सरकार हमारी जमीन को कब और कैसे वापस लेगी? क्या चीन द्वारा गलवान घाटी में नए निर्माण कर हमारी भूभागीय अखंडता का उल्लंघन किया जा रहा है? क्या प्रधानमंत्री इस स्थिति पर देश को विश्वास में लेंगे?”