उदयपुर : वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेड़े को देश के ‘युवा’ ही पार लगाएंगे. इसलिए कांग्रेस ने उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में यह तय किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में को पार्टी 50 साल से कम उम्र के लोगों को टिकट देगी. इसके साथ ही, संगठन में भी युवाओं की 50 फीसदी भागीदारी होगी. सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस में सुधार के लिए उदयपुर के चिंतन शिविर में पार्टी आलाकमान की ओर से कई अहम फैसले किए गए हैं, जिसमें यह तय किया गया है कि पार्टी में अब ‘एक परिवार-एक टिकट’ के फॉर्मूले को लागू किया जाएगा. इसके अलावा, पार्टी के कर्ताधर्ताओं ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि कांग्रेस बीते कुछ सालों से जनता के संपर्क से पूरी तरह टूट चुकी है. उसे दोबारा देश की जनता से संपर्क स्थापित करना है और इसके लिए सेतु का काम देश के ‘युवा’ ही करेंगे.
नेता-कार्यकर्ता होंगे एकजुट
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, उदयपुर के चिंतन शिविर में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस कड़वी सच्चाई को भी स्वीकार किया कि जनता के साथ कांग्रेस का संपर्क टूट चुका है और इसे फिर से जोड़ने के लिए नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को लोगों के बीच जाना होगा. चिंतन शिविर के समापन के बाद कांग्रेस की ओर से जो ‘उदयपुर नवसंकल्प’ जारी किया गया, उसमें राजनीतिक मुद्दों, संगठन से जुड़े विषयों, पार्टी के भीतर सुधारों, कमजोर तबकों को फिर से साथ जोड़ने, युवाओं, छात्रों और आर्थिक मुद्दों पर पार्टी का नजरिया रखा गया. साथ ही, आगे के कदमों का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया.
नेताओं के रिटायरमेंट की तय होगी उम्र
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने ‘भारतीय राष्ट्रवाद’ को अपना मूल चरित्र बताया है और भारतीय जनता पार्टी की ‘ध्रुवीकरण की राजनीति’ की धार कुंद करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने के लिए आगामी दो अक्टूबर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली जाएगी. देश के मुख्य विपक्षी दल ने यह भी बड़ा फैसला किया कि पार्टी में निर्वाचित पदों के लिए नेताओं की सेवानिवृत्त की आयुसीमा तय की जाएगी और ‘एक व्यक्ति, एक पद’ तथा एक पद पर अधिकतम पांच साल रहने की व्यवस्था भी लागू होगी.
समान विचारधारा वाले दलों से साधेंगे संपर्क
कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ संपर्क स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई. कांग्रेस ने कहा कि राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप गठबंधन का विकल्प उसने खुला रखा है. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर के समापन के मौके पर कांग्रेस कार्य समिति के कुछ सदस्यों को लेकर अपने तहत एक सलाहकार समूह बनाने का ऐलान किया और यह भी स्पष्ट किया कि यह सामूहिक निर्णय लेने वाला कोई समूह नहीं होगा.
प्रियंका गांधी लड़ेंगी लोकसभा चुनाव
पार्टी ने पहली बार ‘एक परिवार, एक टिकट’ का फॉर्मूला अमल में लाने का फैसला किया है. हालांकि, इसके साथ यह शर्त होगी कि परिवार के दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने संगठन में कम से कम पांच साल काम किया हो. कांग्रेस में ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था लागू होने की स्थिति में भी गांधी-नेहरू परिवार से राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा के अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ रहेगा, क्योंकि प्रियंका 2019 के शुरु में सक्रिय राजनीति में उतरी थीं. इसके साथ ही, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पुत्र वैभव गहलोत के एक साथ चुनाव लड़ने में दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि वैभव पिछले कई वर्षों से पार्टी संगठन से जुड़े हुए हैं.
महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण
पार्टी ने महिला आरक्षण के तहत ‘कोटा के भीतर कोटा’ को लेकर अपने रुख में बदलाव करते हुए कहा कि वह महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ-साथ इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं का अलग कोटा निर्धारित करने के पक्ष में है. उसने आह्वान किया कि महिला आरक्षण विधेयक को जल्द पारित किया जाए.
कांग्रेस में बनेगा सलाहकार समूह
कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन के अवसर पर सोनिया गांधी ने कहा कि एक समग्र कार्य बल बनेगा, जो उन आंतरिक सुधारों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा और जिन पर इस चिंतन शिविर में चर्चा हुई है. ये सुधार 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किए जाएंगे तथा इनमें संगठन के सभी पहलुओं को समाहित किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मैंने यह भी फैसला किया है कि कांग्रेस कार्य समिति के लोगों को लेकर एक सलाहकार समूह बनाया जाएगा, जो मेरी अध्यक्षता में नियमित रूप से बैठक करेगा और राजनीतिक मुद्दों और पार्टी के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर चर्चा करेगा.’
भाषा इनपुट