केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से 40 से अधिक किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इधर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया है और तीनों कृषि कानूनों को बिना शर्त वापस लेने की मांग की है. उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद से पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आयी है, जिसे अन्नदाताओं की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, लोकतंत्र में जनभावनाओं की उपेक्षा करने वाली सरकारें और उनके नेता लंबे समय तक शासन नहीं कर सकते. अब यह बिल्कुल साफ है कि मौजूदा केंद्र सरकार की थकाओ और भगाओ की नीति के सामने आंदोलनकारी धरती पुत्र किसान मजदूर घुटने टेकने वाले नहीं हैं.
Along with countrymen, my heart is also upset, seeing condition of Annadatas, who've been struggling for 39 days on Delhi borders in bitter cold & rain…Modi govt should remember that democracy means protecting public & farmers' interests: Congress Interim President Sonia Gandhi pic.twitter.com/DfEh7EFn5I
— ANI (@ANI) January 3, 2021
सोनिया ने कहा, अब भी समय है कि नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले कानून वापस ले और ठंड एवं बारिश में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन समाप्त कराये. यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का अर्थ ही जनता एवं किसान-मजदूरों के हितों की रक्षा करना है.
हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी जमे हैं किसान, उनकी हालत देख मन व्यथित : सोनिया
सोनिया गांधी ने कहा, हाड़ कंपा देने वाली ठंड और बारिश के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों के समर्थन में 39 दिनों से संघर्ष कर रहे अन्नदाताओं की हालत देखकर देशवासियों सहित मेरा मन भी बहुत व्यथित है. उन्होंने कहा, आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं.
कुछ किसानों ने तो सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया. पर बेरहम मोदी सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आज तक प्रधानमंत्री या किसी भी मंत्री के मुंह से सांत्वना का एक शब्द निकला. सोनिया ने कहा, मैं सभी दिवंगत किसान भाईयों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रभु से उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करती हूं.
उन्होंने कहा, आजादी के बाद देश में यह पहली ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आयी है जिसे देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं की पीड़ा और संघर्ष भी दिखाई नहीं दे रहा. उन्होंने आरोप लगाया , लगता है कि मुट्ठी भर उद्योगपति और उनका मुनाफा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि ये काले कानून कृषि और किसानों को बर्बाद कर देंगे. कांग्रेस इन कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का भी समर्थन कर रही है. कड़ाके की ठंड के बावजूद दिल्ली से लगी सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान एक महीने से अधिक समय से इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं.
Posted By – Arbind kumar mishra