Sonia Gandhi Meeting : 2024 की तैयारी! रोजगार, महंगाई, कृषि कानून सहित ये मुद्दे विपक्ष का हथियार

Sonia Gandhi Meeting - डिजिटल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों से कहा कि वे देश के संवैधानिक प्रावधानों में विश्वास रखने वाली सरकार के गठन के लिए व्यवस्थित ढंग से योजना बनाने की शुरुआत करें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2021 8:22 AM
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Sonia Gandhi Meeting : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर देश के 19 विपक्षी दलों के नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मजबूरियों और मतभेदों को भुला कर भाजपा के खिलाफ एकजुट होने पर सहमति जतायी.

इस डिजिटल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों से कहा कि वे देश के संवैधानिक प्रावधानों में विश्वास रखने वाली सरकार के गठन के लिए व्यवस्थित ढंग से योजना बनाने की शुरुआत करें. उन्होंने यह भी कहा कि इस समय विपक्षी दलों की एकजुटता राष्ट्रहित की मांग है और कांग्रेस अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखेगी. आइए जानते हैं कि बैठक में मोदी सरकार को आने वाले लोकसभा चुनाव में घेरने के लिए क्या रणनीति बनी…

-विश्व स्तर पर कोरोना वैक्सीन की खरीद और मुफ्त वैक्सीन अभियान को तुरंत तेज करने का काम केंद्र सरकार करे.

-कोरोना के कारण अपनी जान गंवाने वालों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने का काम सरकार करे. सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का व्यापक विस्तार करने के लिए काम करें.

-केंद्र सरकार आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को प्रति माह 7,500 रुपये की राशि ट्रांसफर करे. सभी जरूरतमंदों को दैनिक इस्तेमाल की सभी चीजें और मुफ्त भोजन किट बांटें.

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-पेट्रोलियम और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में अभूतपूर्व बढ़ोतरी को वापस लेने का काम केंद्र सरकार करे, रसोई गैस और आवश्यक वस्तुओं, विशेष रूप से खाना पकाने के तेल की कीमतों को कम करें और तेजी से बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने पर विचार किया जाए.

-तीनों कृषि कानूनों को रद्द करें और एमएसपी पर कानून बनाने का काम सरकार करे.

-सार्वजनिक क्षेत्र में बेलगाम निजीकरण को रोकें.

-श्रमिक और श्रमिक वर्ग के अधिकारों को कमजोर करने वाले लेबर कोड्स को रद्द करने का काम सरकार करे.

– कम-से-कम मजदूरी दोगुनी करने के साथ 200 दिनों के लिए गारंटी के साथ मनरेगा का विस्तार सरकार करे. इसी तर्ज पर एक शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम कानून बनाएं.

ममता ने विपक्षी नेताओं का एक कोर ग्रुप बनाने का प्रस्ताव रखा : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ संयुक्त आंदोलनों को लेकर विपक्षी नेताओं का एक ‘कोरग्रुप’ बनाने का प्रस्ताव रखा. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी विपक्षी दलों का आह्वान किया कि देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए सभी को साथ मिल कर काम करना चाहिए. सोनिया द्वारा बुलायी गयी इस डिजिटल बैठक में एनसीपी, तृणमूल, शिवसेना, द्रमुक, झामुमो नेता हेमंत सोरेन शामिल हुए. इस बैठक में समाजवादी पार्टी शामिल नहीं हुई. हालांकि पत्र भेज कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपना पूरा समर्थन जताया है. बैठक में भाकपा, माकपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, राजद, एआइयूडीएफ, वीसीके, जद (एस), रालोद, लोकतांत्रिक जनता दल, आरएसपी, केरल कांग्रेस (एम) और आइयूएमएल के नेता भी शामिल हुए.

विपक्ष की 11 सूत्री मांग, 20-30 सितंबर के बीच राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन : बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी कर विपक्षी दलों ने 11 सूत्री मांग रखते हुए कहा कि वे सरकार की नीतियों के खिलाफ 20 से 30 सितंबर के बीच राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे.

कांग्रेस ने अपना विश्वास भी खो दिया है : भाजपा ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों के एकजुट होने का कांग्रेस का आह्वान दर्शाता है कि जनता द्वारा खारिज कर दिये जाने के बाद प्रमुख विपक्षी दल ने अपना विश्वास खो दिया है. भाजपा के मीडिया विभाग के प्रमुख और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि कांग्रेस की टूटी बैसाखी में किसी को दिलचस्पी नहीं है.

Posted By : Amitabh Kumar

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