देश में किसानों का आंदोलन और कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है. यानी, 9 दिसंबर को सोनिया गांधी के जन्मदिन के मौके पर कोई कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा. राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया था कि सोनिया गांधी किसानों के समर्थन में इस साल अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगी. डोटासरा ने ये भी कहा कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता किसानों के साथ आंदोलन में खड़ा नजर आएगा.
Congress interim president Sonia Gandhi (in file pic) will not celebrate her birthday on December 9, in view of the ongoing farmer's agitation against agriculture bills & #COVID19 situation across the country. pic.twitter.com/ivURWapgam
— ANI (@ANI) December 8, 2020
9 दिसंबर 1946 में हुआ जन्म : गौरतलब है कि सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 में इटली में हुआ था. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी से विवाह किया था. लंबे समय से कांग्रेस पार्टी में उनकी अहम भूमिका रही है. सौनिया गांधी ने फोर्ब्स की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में कई बार जगह बनाई है. मौजूदा किसानों के आंदोलन को देखते हुए उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि कृषि से जुड़े तीन नये कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज भारत बंद का एलान किया है. आंदोलन कर रहे किसानों ने सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक देश भर में चक्का करने का आह्ववान किया है. पंजाब-हरियाणा समेत देशभर में किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे है. किसानों के भारत बंद का कई सियासी दलों ने समर्थन किया है. 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बंद का नैतिक समर्थन किया है. रेलवे और बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के संगठनों ने भी समर्थन का एलान किया है.
इससे पहले, 12 वें दिन किसान लगातार आंदोलन पर डटे रहे. इस बीच किसान नेताओं ने कहा उनका आज का बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार को हमारी मांगें स्वीकार करनी होगी. इधर, बंद के दौरान शांति बनी रहे और किसी तरह की हिंसा या उपद्रव नहीं हो इसे लेकर केंद्र सरकार बेहद सतर्क है.
सरकार ने इसके मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा है कि बंद के दौरान सुरक्षा कड़ी करते हुए सभी जगहों पर शांति सुनिश्चित की जाए. साथ ही कोरोना से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन किया जाये.
नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों के व्यापक आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछली शताब्दी के कानूनों को लेकर अगली सदी का निर्माण नहीं किया जा सकता. पिछली सदी में उपयोगी रहे कानून अगली शताब्दी के लिए बोझ बन जाते हैं. इसलिए सुधार की प्रक्रिया लगातार चलनी चाहिए.
Posted by: Pritish Sahay