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Lockdown Relief : केंद्र ने ट्रेनें नहीं चलाई तो मजदूरों को लाने में लग सकता है लंबा वक्त, जानें क्यों

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा Lockdown में फंसे मजदूरों को लाने में छूट देने का ऐलान के बाद राज्यों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है. केंद्र सरकार अगर मजदूरों को लाने ले जाने के लिए अगर स्पेशल ट्रेन नहीं चलाती है तो, ऐसे स्थिति में इन मजदूरों को लाने में महीनों का समय लग सकता है, जिसके बाद राज्य सरकारों ने केंद्र से स्पेशल ट्रेनें चलाने की गुहार लगाई है.

By AvinishKumar Mishra | May 1, 2020 10:08 AM
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नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा Lockdown में फंसे मजदूरों को लाने में छूट देने का ऐलान के बाद राज्यों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है. केंद्र सरकार अगर मजदूरों को लाने ले जाने के लिए अगर स्पेशल ट्रेन नहीं चलाती है तो, ऐसे स्थिति में इन मजदूरों को लाने में महीनों का समय लग सकता है, जिसके बाद राज्य सरकारों ने केंद्र से स्पेशल ट्रेनें चलाने की गुहार लगाई है.

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बिहार और झारखंड के 32 लाख मजदूर फंसे- बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों की सबसे बड़ी तादाद बिहार और झारखंड से है. दोनों राज्यों की बात करें तो 32 लाख मजदूर के फंसे होने की अब तक सूचना है, जिसमें बिहार के 27 लाख और झारखंड के 5 लाख लोग शामिल हैं.

मजदूरों के इतनी बड़ी संख्या को लाने ले जाने के लिए राज्य सरकारों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है. ऐसे में अगर बसों से इनको लाया जायेगा तो, इस प्रक्रिया में लंबा वक्त लग सकता है, जिसके कारण राज्य सरकार चाहती है कि स्पेशल ट्रेन चलाया जाये और यह प्रक्रिया जल्द खत्म हो.

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क्यों होगी देरी– बिहार और झारखंड को मिलाकर 32 लाख मजदूरों ने अब तक फंसे होने की सूचना दी है. अगर इन्हें लाने के लिए राज्य सरकार बस भेजती है तो, दो बड़ी दिक्कतें सामने आयेगी. पहला यह कि एक बस में बीस से तीस लोगों से अधिक नहीं बैठाया जा सकता है, जिसके कारण इतने लोगों को लाने के लिए काफी बसें चलानी पड़ेगी और दूसरा यह कि बसों कौन आने जाने में लंबा वक्त लगेगा.

स्पेशल ट्रेन चलने से परेशानी होगी दूर- केंद्र सरकार द्वारा अगर स्पेशल ट्रेन चलायी जाती है तो, मजदूरों को लाने और ले जाने में लगने वाला लंबे वक्त में कमी हो जायेगी. इसके अलावा राज्य सरकार को एक सिस्टेमेटिक तरीके से लोगों को पृथक करने में मदद मिलेगी. स्टेशन के बाहर चेकिंग प्वाइंट बनाकर भी जांच किया जा सकता है.

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