राज्य में 12 वीं परीक्षा को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को सभी राज्यों ने अपने – अपने सुझाव भेज दिये हैं. ज्यादातर राज्य परीक्षा कराने के पक्ष में खड़े हैं लेकिन साथ ही छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी अपना पक्ष उन्होंने सीबीएसई के सामने रखा है और कई सुझाव दिये हैं.
परीक्षा की अवधि कम करने की मांग की गयी है. कई राज्यों ने 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा कराए जाने के पक्ष में अपना मत रखा है. हालांकि इसमें दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य हैं जिन्होंने कहा है कि जबतक वैक्सीन नहीं आती तबतक परीक्षाओं पर रोक लगायी जाये.
सूत्रों की मानें तो कई राज्य जो परीक्षा कराने के पक्ष में खड़े हैं उनमें भी परीक्षा कब हो किस महीने हो इसे लेकर सहमति नहीं दिख रही है. बिहार, असम और उत्तराखंड में बाढ़ और अत्यधिक बारिश का खतरा है ऐसे में यह राज्य बारिश खत्म होने के बाद परीक्षा कराने के पक्ष में है.
शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा के संबंध में राज्यों से लिखित सुझाव मांगा था. राज्यों के सामने दो विकल्प रखे गये थे जिनमें से किसी एक को उन्हें चयन करना था. राज्यों को पहला विकल्प दिया गया कि अगस्त में प्रमुख 19 विषयों की पूरी पारंपरागत परीक्षा हो जबकि दूसरा विकल्प था 15 जुलाई से 5 अगस्त तक 90 मिनट की कराई जाए और प्रमुख विषयों से तीन विषय और एक भाषा का पेपर हो.
राज्यों ने अपनी – अपनी सुविधा के अनुसार विकल्प चुना है. ऐसे में शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई को तय करना है कि वो कैसे परीक्षा करायेगी. इन परीक्षाओं का रिजल्ट सितंबर के अंत में जारी करने का प्रस्ताव भी रखा गया है.