कर्नाटक में सोमवार को जमकर बवाल हुआ. यहां बंजारा समुदाय के सदस्यों ने सोमवार को जिले के शिकारीपुरा कस्बे में भाजपा के कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा के घर को निशाना बनाया और राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों के लिए घोषित आंतरिक आरक्षण के विरोध में पथराव किया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये. कस्बे में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है. घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया.
अपने घर और कार्यालय पर हुए पथराव पर भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मैं बंजारा समुदाय के नेताओं को फोन करूंगा और उनसे बात करूंगा. मैं पिछले 50 वर्षों से शिकारीपुरा के विकास के लिए काम कर रहा हूं, प्रदर्शनकारियों को कुछ गलतफहमी हो सकती है इसलिए मैंने एसपी और डीसी से कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने को कहा है.
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस संबंध में मीडिया से बात की और कहा कि स्थानीय कांग्रेस नेता लोगों को भड़का रहे हैं. हर समुदाय के साथ किए गए सामाजिक न्याय को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है और उसने हिंसा भड़काने का सहारा लिया. बंजारा समुदाय को अफवाहों के प्रभाव में नहीं आना चाहिए. बड़ी संख्या में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें बंजारा समुदाय के कुछ सदस्य घायल हो गये.
प्रदर्शनकारी येदियुरप्पा के घर के पास एकत्र हो गये और पथराव शुरू कर दिया, जिससे कुछ खिड़कियों के शीशे टूट गये. स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख क्षेत्र में अतिरिक्त बलों को बुलाया गया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बंजारा समुदाय से संबंधित अनुसूचित जाति को “कम” आरक्षण दिया गया है. कर्नाटक मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण शुरू करने का फैसला किया था.
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राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर यह सिफारिश भी की थी कि प्रस्ताव को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए. बोम्मई ने बंजारा समुदाय के नेताओं से संयम बरतने की अपील करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार ने मंत्रिमंडल उप-समिति की सिफारिशों को लागू किया है, न कि सदाशिव आयोग की सिफारिशों को. मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए समाज में अशांति पैदा करना घोर निंदनीय है.
भाषा इनपुट के साथ