14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीएम नरेंद्र मोदी को लाल किला से झंडा फहराने से रोकने वाले को 7.45 करोड़ रुपये, SFJ का एलान

sikh for justice news: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किला पर झंडा फहराने से जो व्यक्ति रोकेगा, उसे 10 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 7.45 करोड़ रुपये) दिया जायेगा.

नयी दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लाल किला (Red Fort) पर झंडा फहराने से जो व्यक्ति रोकेगा, उसे 10 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 7.45 करोड़ रुपये) दिया जायेगा. खालिस्तान (Khalistan) की आवाज बुलंद करने वाले संगठन सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) के जेनरल सेक्रेटरी गुरपतवंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) ने एक ऑडियो रिकॉर्ड जारी कर यह घोषणा की है.

हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को धमकी देने वाले खालिस्तान समर्थक इस संगठन ने कहा है कि रविवार (15 अगस्त) को जो भी शख्स पीएम मोदी को लाल किला पर झंडा फहराने से रोकेगा, उसे एसएफजे (SFJ) की तरफ से यह नकद इनाम दिया जायेगा.

भारत में प्रतिबंधित इस संगठन ने पिछले दिनों किसान आंदोलन के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा था कि जल्दी ही पंजाब को भारत से छीन लिया जायेगा. इतना ही नहीं, खालिस्तान समर्थक इस शख्स ने यहां तक कहने की हिम्मत की थी कि खालिस्तानी दिल्ली के लाल किला पर खालिस्तानी झंडा फहरायेंगे.

Also Read: सिख फॉर जस्टिस की खतरनाक साजिश, सेना में सिखों को भड़काने की कोशिश, 16 समर्थकों के खिलाफ चार्जशीट दायर

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि इसी साल गणतंत्र दिवस से पहले भी ऐसी ही धमकी दी गयी थी. गणतंत्र दिवस के दौरान किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली और हिंसा भड़क उठी, तो खालिस्तान समर्थकों ने खुशी का इजहार किया. हिंसा के दौरान कुछ खालिस्तान समर्थकों ने लाल किला पर खालिस्तानी झंडे, जिसे निशान साहिब कहा जाता है, लहराये थे. आमतौर पर लाल किला पर सिर्फ स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के द्वारा तिरंगा झंडा फहराने की परंपरा है.

सिख फॉर जस्टिस के बारे में जानें

सिख फॉर जस्टिस वर्ष 2007 में बना एक संगठन है. इसका मुख्य एजेंडा पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान प्रांत बनाने का है. गुरपतवंत सिंह पन्नू इस संगठन का चेहरा है, जो अनाप-शनाप धमकी देने के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है. वर्ष 2020 में रेफरेंडरम की कोशिश की थी, जिसमें दुनिया भर के सिखों से शामिल होने के लिए कहा गया था.

Also Read: सिख फॉर जस्टिस ने UN को दिया सात लाख रुपये चंदा, किसान प्रदर्शन के दौरान कथित दुर्व्यवहार की जांच को आयोग गठन का बना रहा दबाव

वर्ष 2019 में भारत सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. यूएपीए एक्ट के तहत इसे बैन किया गया था. कहा गया था कि यह संगठन पंजाब में लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहा है. हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने सिख फॉर जस्टिस से संबंध रखने वाले पंजाब के कई किसान नेताओं, संगठनों को नोटिस जारी किया था. इस पर खूब बवाल हुआ था.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें