दिल्ली हाइकोर्ट की केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी, कहा- दिल्ली को आज ही 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति कराने का दिया निर्देश
Delhi high court, Central government, Oxygen : नयी दिल्ली : दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि वह आज शनिवार को ही हर हाल में दिल्ली को 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करे. अदालत ने कहा कि ''पानी सिर से ऊपर चला गया है. अब हमारा मतलब कारोबार है. आप (केंद्र) सब कुछ व्यवस्थित करेंगे.'' साथ ही आगे की सुनवाई के लिए मामले को सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
नयी दिल्ली : दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि वह आज शनिवार को ही हर हाल में दिल्ली को 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करे. अदालत ने कहा कि ”पानी सिर से ऊपर चला गया है. अब हमारा मतलब कारोबार है. आप (केंद्र) सब कुछ व्यवस्थित करेंगे.” साथ ही आगे की सुनवाई के लिए मामले को सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
"Water has gone above the head. Now we mean business. You (Centre) will arrange everything now, "the court said.
The Delhi High Court has listed the matter for further hearing on Monday.
— ANI (@ANI) May 1, 2021
जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा करने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की. दिल्ली हाइकोर्ट ने सख्त लहजे में दिल्ली में आज शनिवार को ही 490 मीट्रिक टन प्राणवायु ‘ऑक्सीजन’ की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया. साथ ही कहा कि ऐसा नहीं किये जाने पर केंद्र सरकार को अवमानना का सामना करना होगा.
दिल्ली हाइकोर्ट ने देश की राजधानी स्थित बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण आठ लोगों की हुई मौत पर संज्ञान लेते हुए सरकार से कहा कि ”दिल्ली में लोग मर रहे हैं, तो क्या हम आंखें बंद कर लेंगे. बस बहुत हो गया. पानी सिर के ऊपर आ चुका है.”
इससे पहले, दिल्ली हाइकोर्ट ने राजस्थान सरकार को आदेश के बावजूद क्रायेाजेनिक टैंकर नहीं छोड़े जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सॉलीसिटर जनरल ने आश्वासन दिया था कि टैंकरों को छोड़ दिया जायेगा. अदालत ने आश्वासन को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार को जरूरी कदम उठाये जाने का भी निर्देश दिया.
दिल्ली हाइकोर्ट ने अस्पतालों में कोरोना मरीजों के बढ़ती संख्या के मद्देनजरर ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए संयंत्र स्थापित करने का सुझाव दिया. अदालत ने कहा कि ”ऑक्सीजन संयंत्र जरूरी है. इसका नहीं होना गैर जिम्मेदाराना है. अनुभवों से सीख लेते हुए संयंत्र स्थापित करने चाहिए.”