JEE/NEET : परीक्षा को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय का नया SOP, कंटेनमेंट जोन के छात्रों और कर्मचारियों को सेंटर में नो इंट्री
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान परीक्षा कराने के संबंध में जारी दिशा निर्देशों के अनुसार निरूद्ध क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों और कर्मचारियों को परीक्षा केन्द्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे छात्रों के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. बुधवार को इस संबंध में जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार ऐसे छात्रों को अन्य तरीकों से परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी अथवा शिक्षण संस्थान बाद में किसी तारीख में उनकी परीक्षा करा सकते हैं.
नयी दिल्ली : केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान परीक्षा कराने के संबंध में जारी दिशा निर्देशों के अनुसार निरूद्ध क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों और कर्मचारियों को परीक्षा केन्द्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे छात्रों के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. बुधवार को इस संबंध में जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार ऐसे छात्रों को अन्य तरीकों से परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी अथवा शिक्षण संस्थान बाद में किसी तारीख में उनकी परीक्षा करा सकते हैं.
एसओपी के अनुसार साथ ही परीक्षा केन्द्र के भीतर ऐसे कर्मचारियों और छात्रों को आने की अनुमति दी जाएगी जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं. इसमें कहा गया कि मास्क लगाना अनिवार्य होगा. इसमें रेखांकित किया गया कि सभी को परीक्षा केन्द्र के अंदर हर वक्त मास्क लगाना होगा या चेहरा ढकना होगा.
एसओपी में कहा गया कि संबंधित अधिकारियों को परीक्षा कार्यक्रम की योजना क्रमबद्ध तरीके से बनानी होगी ताकि किसी भी दिन परीक्षा केंद्र पर ज्यादा भीड़भाड़ न होने पाए. इसमें कहा गया है कि निरूद्ध क्षेत्रों में आने वाले परीक्षा केंद्रों को कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, परीक्षा संचालन अधिकारियों या परीक्षा केंद्रों को छात्रों और कर्मचारियों के लिए फेस कवर अथवा मास्क, सेनिटाइजर, साबुन, सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल आदि की उचित व्यवस्था मुहैया करानी चाहिए. दिशानिर्देशों में कहा गया,‘‘ परीक्षा केंद्र में प्रवेश के समय परीक्षा पदाधिकारी और परीक्षार्थियों को अपने स्वास्थ्य के संबंध में स्व घोषणा पत्र भी जमा कराना चाहिए. इस तरह के स्व-घोषणा पत्र को प्रवेश पत्र जारी करने के समय प्रसारित किया जा सकता है.”
एसओपी के अनुसार यदि कोई परीक्षा अधिकारी अथवा परीक्षार्थी स्व-घोषणा के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. कलम और कागज आधारित परीक्षाओं के लिए एसओपी में कहा गया कि इंविजिलेटर प्रश्नपत्रों अथवा उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण से पहले अपने हाथों को सेनिटाइज करेगा और परीक्षार्थी भी इन्हें प्राप्त करने या जमा करने से पहले अपने हाथों को सेनेटाइज करेंगे. दिशानिर्देश के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं को जमा कराने और पैकिंग के हर चरण में हाथों को सेनेटाइज करना होगा.
उत्तर पुस्तिकाओं को जमा करने के 72 घंटे के बाद खोला जाएगा. एसओपी के अनुसार, ‘‘शीट की गिनती और वितरण के लिए थूक अथवा लार के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी.” दिशा निर्देश के अनुसार ऑनलाइन अथवा कंप्यूटर-आधारित परीक्षा के लिए सिस्टम को परीक्षा के पहले और बाद में एल्कोहल वाइप्स से संक्रमण मुक्त किया जाएगा साथ ही सभी परीक्षा पदाधिकारियों और परीक्षार्थियों के रिकॉर्ड को सिस्टम में दर्ज किया जाएगा ताकि भविष्य में इनका पता लगाया जा सके। दिशा निर्देश के अनुसार परीक्षा केंद्रों के प्रवेश में अनिवार्य रूप से हाथों को साफ करने का और थर्मल स्क्रीनिंग का प्रावधान होना चाहिए.