देश में कोरोना के मामले भले ही कम हो गये हों, लेकिन संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है. प्रतिदिन 25 से 30 हजार से अधिक कोविड संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में आगामी त्योहारों को देखते हुए सरकार ने सावधानी रखने को कहा है और साथी ही आईसीएमआर का एक रिसर्च भी हमें सावधान करता है.
आईसीएमआर के अनुसार कोरोना वायरस गर्भवती महिलाओं बड़े पैमाने पर संक्रमित कर सकता है और इसके कारण उन्हें मध्यम से गंभीर बीमारी हो सकती है.अध्ययन में ऐसी महिलाओं को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराये जाने की सिफारिश की गयी है.
आईसीएमआर का यह अध्ययन इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है. इसके अनुसार गर्भावस्था में सबसे आम जटिलता समय से पहले प्रसव और उच्च रक्तचाप जैसे विकार रहे हैं. अध्ययन में कहा गया है कि एनीमिया, तपेदिक और मधुमेह जैसी अन्य बीमारियां भी गर्भवती और बच्चे को जन्म दे चुकी कोरोना वायरस से संक्रमित महिलाओं में मौत के बढ़ते जोखिम का कारण बनीं हैं.
अध्ययन के दौरान महाराष्ट्र में महामारी की पहली लहर के दौरान कोविड-19 से पीड़ित महिलाओं के उपचार और गर्भावस्था के परिणामों का विश्लेषण किया गया. अध्ययन में पाया गया कि 3213 शिशुओं का जन्म हुआ जबकि गर्भपात के 77 मामले आए. प्रसव का इंतजार और गर्भ गिरने के मामलों का अनुपात छह फीसदी रहा. इसी तरह, 534 महिलाओं (13 फीसदी) में कोविड-19 बीमारी के लक्षण दिखे, जिनमें से 382 महिलाएं (72 फीसदी) को हल्का संक्रमण, 112 महिलाओं (21 फीसदी) को मध्यम संक्रमण जबकि 40 महिलाओं को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा.
अध्ययन के निष्कर्ष में कहा गया कि सबसे आम जटिलता समय पूर्व प्रसव की रही जोकि 528 (16.3 फीसदी) दर्ज की गई जबकि 158 गर्भवती एवं प्रसव के बाद महिलाओं को (3.8 फीसदी) गहन चिकित्सा देखभाल की जरूरत पड़ी जिनमें से 152 महिलाओं को कोविड-19 संबंधी जटिलताओं के कारण गहन देखभाल की आवश्यकता पड़ी.
Posted By : Rajneesh Anand