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सुबोध जायसवाल को बनाया गया सीबीआई का नया डायरेक्टर, झारखंड से है खास रिश्ता

इस फैसले के पीछे सुबोध जायसवाल का लंबा अनुभव, उनकी छवि और ईमानदारी भी एक बड़ी वजह बनी है. वह इससे पहले सीआईएसएफ के डीजी के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है. इस वक्त गुजरात कैडर के आईपीएस प्रवीण सिन्हा सीबीआई की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं,उन्हें अतिरिक्त प्रभारत में इस बड़े काम की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. यह पद पिछले साल फरवरी से ही खाली है. सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और डिप्टी चीफ राकेश अस्थाना के बीच विवाद के बाद से ये पद खाली चल रहा है.

झारखंड के धनबाद जिले में पैदा हुए महाराष्ट्र कैडर के साल 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी सुबोध जायसवाल को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाया गया है. उन्हें दो साल के लिए यह जिम्मेदारी दी गयी है. केंद्री सरकार ने लंबी चर्चा, बैठक के बाद यह फैसला लिया है.

इस फैसले के पीछे सुबोध जायसवाल का लंबा अनुभव, उनकी छवि और ईमानदारी भी एक बड़ी वजह बनी है. वह इससे पहले सीआईएसएफ के डीजी के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है. इस वक्त गुजरात कैडर के आईपीएस प्रवीण सिन्हा सीबीआई की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं,उन्हें अतिरिक्त प्रभारत में इस बड़े काम की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. यह पद पिछले साल फरवरी से ही खाली है. सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और डिप्टी चीफ राकेश अस्थाना के बीच विवाद के बाद से ये पद खाली चल रहा है.

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सरकार के लिए भी इस पद पर नियुक्ति लेने का फैसला आसान नहीं था. सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर सोमवार को शाम 6.30 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आवास पर बैठक हुई . बैठक में समिति के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी सहित कई महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे जो इस फैसले में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

लंबी चली इस बैठक में कई नामों पर चर्चा चली. अंतत: फैसला सुबोध जायसवाल के पक्ष में लिया गया. सुबोध के साथ- साथ जिस दूसरे नाम पर चर्चा हुई उनमें राजेश चंद्रा का नाम भी आगे था. सोमवार की शाम में देर शाम करीब 7.30 बजे तक चली बैठक में सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी सुबोध जयसवाल के नाम पर सहमति जतायी गयी. इस नाम पर सहमति बनी तो इनके नाम को प्रस्तावित कर कैबिनेट कमेटी ऑन अपॉइंटमेंट के सामने भेज दिया था. जिसके बाद मंगलवार देर शाम सुबोध जयसवाल के नाम का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया.

इस नियुक्ति पत्र में जानकारी दी गयी है कि उनका कार्यकाल 2 साल तक के लिए होगा. इस पद के लिए 109 अधिकारियों के नाम की चर्चा थी उन्हें कम करते – करते यह सूची दस हुई फिर 6 नामों को आगे बढ़ाया गया और अंतत: यह सूची दो तक पहुंची और बैठक में लंबी चर्चाओं के बाद प्रवीण जायसवाल का नाम तय कर दिया गया.

सुबोध जायसवाल ने लंबी समय तक इंटेलिजेंस ब्यूरो, एसपीजी, रॉ के साथ काम किया है. उन्होंने महाराष्ट्र एटीएस का नेतृत्व किया और कई आंतकवादी विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं. उन्हें साल 2009 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति से पुलिस पदक भी मिल चुका है.

झारखंड से इनका खास रिश्ता है, सीबीआई के मुखिया बने सुबोध कुमार जायसवाल का जन्म साल 1962 में धनबाद जिले में हुआ. उनकी प्रारंभिक शिक्षा धनबाद में ही हुई. साल 1978 में उन्होंने डिनोबली डिगवाडीह से 10 वीं की परीक्षा पास की. उनका परिवार सिंदरी रोड पाथरडीह में रहता था. उन्होंने बी.ए. और एमबीए किया.

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वह तीन बार एनडीए की परीक्षा में फेल हो चुके हैं. असफलता से तुरंत टूट जाने वाले लोगों को इनसे सीखना चाहिए उन्होंने यूपीएसपी क्रेक किया और अबतक चार प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं. पुलिस महकमे का शायद ही ऐसा कोई महत्वपूर्ण विभाग होगा जिसमें सुबोध कुमार ने अहम जिम्मेदारी ना निभायी होगी. वह कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव भी रह चुके हैं.

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