नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) और ज्वाइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (JEE Mains) की परीक्षा कराने का विरोध बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार के परीक्षाओं को कराने के फैसले का विरोध छात्रों के साथ राजनीतिक दलों के नेता भी कर रहे हैं. अब, बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कोरोना संकट के बीच नीट और जेईई की परीक्षा कराने का विरोध किया है. स्वामी ने ट्वीट करके सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है. साथ ही सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को बड़ी नसीहत भी दे डाली है.
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बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि कोरोना संकट के समय में नीट और जेईई परीक्षाओं को कराना बहुत बड़ी गलती है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि ‘इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी ने जो गलती की थी, मोदी सरकार भी वही गलती करने जा रही है. कोरोना संकट के समय नीट और जेईई एग्जाम कराना इंदिरा गांधी के नसबंदी प्रोग्राम जैसी बड़ी गलती होगी. इस गलती के कारण इंदिरा गांधी की सरकार तक गिर गई थी. अब नीट और जेईई आयोजित कराने का खामियाजा मोदी सरकार को भी भुगतना होगा.’
If our Modi Government goes through imposing the NEET/JEE exam now it will be the giant mistake like Nasbandi in 1976 that caused the undoing of Indira government in 1977. Indian voters may suffer silently but have long memories.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 24, 2020
बड़ी बात यह है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर भी विरोध दर्ज कराया था. स्वामी ने चिट्ठी लिखकर जिक्र किया था कि ‘अगर ये परीक्षाएं होती है तो छात्रों की आत्महत्या होगी.’ दूसरी तरफ राहुल गांधी से लेकर मनीष सिसोदिया भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर परीक्षाएं नहीं कराने की मांग कर चुके हैं. इसी बीच डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी सोमवार को चिट्ठी लिखकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री से जल्दबाजी में परीक्षाएं नहीं कराने की मांग की है. स्टालिन ने लिखा है कि कोरोना संकट थमने तक परीक्षाएं नहीं कराई जाए.
No decision shall be made in haste putting lives of students at stake. Govt shall act keeping well-being &future of students in mind. I request you to postpone JEE, NEET exams until #COVID19 is brought under control: DMK President MK Stalin in a letter to Union Education Minister
— ANI (@ANI) August 24, 2020
बताते चलें कि शिक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षाएं तय समय से ली जाएगी. एक सितंबर से शुरू हो रही इन परीक्षाओं की भी बड़ी संख्या में छात्रों और कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने विरोध किया है. इनका कहना है कि कोरोना संकट में परीक्षाएं आयोजित करना गलती होगी. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 राज्यों के छात्रों की परीक्षाओं को स्थगित कराने की याचिका को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था.
Posted : Abhishek.