नई दिल्ली : सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच चल रहे संघर्ष के बीच भारतीय नागरिकों को हिंसाग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से ऑपरेशन कावेरी का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है. खबर है कि ऑपरेशन कावेरी तहत करीब 3000 से अधिक भारतीय नागरिकों को सूडान से सुरक्षित निकाल लिया गया है. इसमें से 2000 से अधिक लोगों की घर वापसी भी हो गई है. रविवार को दो फेज में करीब 269 लोगों का एक अन्य समूह को सुरक्षित लाया गया. इससे पहले शनिवार को सूडान से करीब 365 लोगों का जत्था दिल्ली पहुंचा था. उधर, खबर यह भी है सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष विराम की अवधि बढ़ा दी गई है.
229 यात्री लाये गए बेंगलुरु
उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि ऑपरेशन कावेरी के तहत एक और उड़ान से 229 यात्रियों को बेंगलुरु लाया गया. निकासी अभियान के तहत शुक्रवार को 754 लोग दो समूहों में भारत पहुंचे थे. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान से अब तक करीब 2300 लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है.
जेद्दा से भारत आ रहे हैं लोग
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीय नागरिकों को सबसे पहले सऊदी अरब के जेद्दा ले जाया जा रहा है. वहां से उन्हें स्वदेश वापस लाया जा रहा है. सबसे पहले करीब 360 नागरिकों का जत्था बुधवार को एक वाणिज्यिक विमान से नई दिल्ली पहुंचा था. दूसरे जत्थे में अगले ही दिन भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से 246 नागरिक मुंबई पहुंचे.
72 घंटे के लिए बढ़ा संघर्ष विराम
उधर, सूडान की सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल ने कहा है कि वे मानवीय संघर्ष विराम अगले 72 घंटे के लिए बढ़ाएंगे. यह निर्णय नागरिकों और सहायता सामग्री के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद आया है. हालांकि, अस्थिरतापूर्ण संघर्ष-विराम से अभी तक संघर्ष रुका नहीं है. बयानों में, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाया. संघर्ष विराम समझौते से कुछ क्षेत्रों में संघर्ष कम हो गया है, लेकिन हिंसा से नागरिक पलायन को मजबूर हो रहे हैं. सहायता समूहों को देश में जरूरी आपूर्ति प्राप्त करने में भी मुश्किल हो रही है.
सेना-अर्धसैनिक बल के संघर्ष से गृहयुद्ध शुरू
सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल के बीच 15 अप्रैल को संघर्ष छिड़ गया था, जिससे देश में गृहयुद्ध शुरू हो गया. जनरल अब्दुल-फतह बुरहान के नेतृत्व में सूडान की सेना और जनरल मोहम्मद हमदान डागलो के नेतृत्व में अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ के बीच सत्ता संघर्ष ने सूडान के लोकतांत्रिक देश बनने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इससे पहले रविवार को, रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के अनुसार, संघर्ष में तबाह हुए अस्पतालों के लिए आठ टन आपातकालीन चिकित्सा सहायता लेकर एक विमान रविवार को देश में उतरा. ये आपूर्ति सैकड़ों घायलों के इलाज के लिए पर्याप्त है। देश में हिंसा में मरने वालों की संख्या 400 से अधिक हो गई है.