Sudharshan Setu : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को सबसे लंबे केबल-आधारित पुल की सौगात दी. गुजरात में ओखा मुख्य भूमि और बेयट द्वारका को जोड़ने वाले लगभग 2.32 किमी सुदर्शन सेतु का उद्घाटन पीएम मोदी ने रविवार को सुबह-सुबह किया. जानकारी हो कि इस पूल के निर्माण में लगभग 980 करोड़ रुपए खर्च हुए है. इस सुदर्शन सेतु कोओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज के रूप में भी जाना जाता है. यह करीब 2.5 किलोमीटर लंबा है और प्रतिष्ठित द्वारकाधीश मंदिर में आने वाले निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए बहुत महत्व रखता है.
जानें गुजरात में Sudharshan Setu के बारे में 8 खास बातें
- ओखा मुख्य भूमि को बेयट द्वारका द्वीप से जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु से इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद है.
- सुदर्शन सेतु भारत का सबसे लंबा केबल-आधारित पुल है, जिसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्सों पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जो एक मेगावाट बिजली पैदा करते हैं.
- चार लेन वाले पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ हैं.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2017 में पुल की नींव रखी थी.
- सुदर्शन सेतु को ₹978 करोड़ की लागत से बनाया गया था.
- सुदर्शन सेतु में भगवद गीता के श्लोकों और दोनों तरफ भगवान कृष्ण की छवियों से सजा हुआ एक फुटपाथ है.
- ओखा-बेत द्वारका सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को बेत, द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंचने के लिए नाव परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था.
- ओखा-बेट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.
Sudharshan Setu : रविवार की शाम राजकोट एम्स जाएंगे पीएम मोदी
सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार की शाम राजकोट एम्स जाएंगे और देर शाम रेसकोर्स मैदान में एक रैली को संबोधित करेंगे. विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी पुराने हवाई अड्डे से रैली स्थल तक एक किलोमीटर लंबे रोड शो में भी हिस्सा लेंगे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री डिजिटल तरीके से चार अन्य नवनिर्मित एम्स का भी उद्घघाटन करेंगे, जो बठिंडा (पंजाब), रायबरेली (उत्तर प्रदेश), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) और मंगलागिरि (आंध्र प्रदेश) में स्थित हैं.
Sudharshan Setu : 48 हजार करोड़ से अधिक राशि की परियोजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 48 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि की बहु विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे, जिसमें स्वास्थ्य, सड़क, रेल, ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं. इनमें से 35,700 करोड़ रुपये की परियोजनाएं गुजरात के लिए हैं जबकि बाकी अन्य राज्यों के लिए हैं.