नयी दिल्ली : देश में कोरोना मरीजों के इलाज और शवों को रख-रखाव पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वह मरीज की देखभाल की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश पारित कर सकता है. कोर्ट ने राज्यों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि राज्य मरीजों की देखभाल सही से करे.
कोर्ट ने आगे कहा कि सभी राज्यों में कोविड-19 की जांच के शुल्क में समानता होनी चाहिए. यह जिम्मेदारी तय हो. कोर्ट ने कहा, ‘सभी राज्यों को कोविड-19 के मरीजों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों के निरीक्षण को लेकर विशेषज्ञों की समिति गठित करनी चाहिए.’
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12 जून को हुई थी सुनवाई- इससे पहले इस मामले में 12 जून को सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने केंद्र सरकार से उस दिन स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था. बता दें कि कोर्ट ने कोरोना मरीजों के इलाज और शवों के अंतिम संस्कार मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी.
पूर्व कानून मंत्री ने किया था राईट टू डेथ का जिक्र– पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने शवों के साथ हो रहे व्यवहार पर सीजेआई को चिट्ठी लिखी थी. मंत्री ने अपने पत्र में इस मामले पर सुनवाई का दरख्वास्त किया था. कुमार ने अपने पत्र में राइट टू डेथ के बारे में जिक्र करते हुए लिखा था कि अनुच्छेद 21 के तहत सभी नगरिकों को मरने के बाद अंतिम संस्कार का अधिकार होता है. लेकिन कोरोना संकट के दौरान अस्पताल प्रबंधन इसका पालन नहीं कर पा रहे हैं.